साथ ही त्वचा के लिए हानिकारक पराबैंगनी किरणें दो प्रकार की होती है- यूवीबी और यूवीए। यूवीए किरणों से त्वचा को ज्यादा नुकसान होता है तथा लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहने वाले लोगों पर इनका अधिक प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा यूवीबी सनबर्न तथा फोटो एजिंग की समस्या पैदा कर सकती हैं। इस अवस्था में सनस्क्रीन यूवीबी किरणों को फिल्टर करके हमारी त्वचा को बचाता है। जबकि सनब्लॉक जिंक ऑक्साइड युक्त होता है जो जो भी है और युवी भी यूवीए और यूवीबी दोनों प्रकार की किरणों से त्वचा की सुरक्षा करता है।
यह भी पढ़ें:
परंतु अक्सर हमें सही सनस्क्रीन के चुनाव में दुविधा होती है। लेकिन इन संकेतों के आधार पर आप अपनी त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन खरीद सकते हैं:
• तैलीय त्वचा वाले लोग स्प्रे या जेल सनस्क्रीन तथा रूखी त्वचा वाले लोगों को क्रीम या लोशन सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।
• सनस्क्रीन खरीदते पैक पर लिखित सामग्री को अवश्य देखें। अगर उसमें ऑक्सीबेंजोन है तो ऐसी सनस्क्रीन ना खरीदें क्योंकि इससे आपको एलर्जी की समस्या होने के साथ यह त्वचा के लिए हानिकारक भी होता है।
• सनस्क्रीन पैकेट पर लिखी निर्माण अवधि को भी जरूर पढ़ें। क्योंकि सनस्क्रीन जितनी नई होगी उतने ही प्रभावी ढंग से आपकी त्वचा की सुरक्षा करेगी।
• इसके अलावा सनस्क्रीन के दो गुणक फिजिकल ओर केमिकल भी होते हैं जिनका ध्यान सनस्क्रीन खरीदते वक्त रखना चाहिए। अधिकतम एसपीएफ 20 युक्त फिजिकल सनस्क्रीन में केमिकल की मात्रा कम होती है। जबकि एसपीएफ 20 से अधिक बीएफ वाली सनस्क्रीन में केमिकल की मात्रा भी अधिक होती है।