दुल्हन को रात में अपना मेकअप अवश्य उतारना चाहिए। हाथों में क्लीजिंग मिल्क लेकर, उंगलियों के पोरों से उसे चेहरे पर भली प्रकार लगाएं, फिर गीली रुई से पोंछ दें। कच्चे दूध में रुई का फाहा डुबो कर भी लगा सकती हैं। चेहरे पर मेकअप बना रहने से रोमछिद्र बंद होने की आशंका रहती है, इससे चेहरे पर दाग-धब्बे, मुंहासे हो जाते हैं।
दुल्हन को पानी अत्यधिक मात्रा में पीना चाहिए। डिहाइड्रेशन से तो आप बचेंगी ही, शादी के दिनों के अनियमित खान-पान और बदहजमी से भी बचाव होगा और त्वचा का ग्लो भी बरकरार रहेगा।
ज्यादा थकान होने पर कुछ देर गर्म पानी में नमक डालकर उसमें पैर रखकर बैठा जा सकता है। थकान नहीं रहने से चेहरे पर मुस्कराहट रहेगी।
आवश्यकतानुसार एक वैनिटी बॉक्स हमेशा रखें और कम समय में यदि आपको तैयार होना पड़े तो मेकअप किट, कॉटन पैड्स, जैतून या बादाम तेल, एरोमा ऑयल, बाथ फ्रेशर, नरिशिंग क्रीम आदि अवश्य साथ रखें।
बैली पोशाक से मेल खाती पहनें। सुहाग की निशानियों का खास ध्यान रखें। सलीके से किया मेकअप आपके सौंदर्य में चार चांद लगा देगा। यदि इस कला में आप पारंगत न हों तो थोड़ा बहुत ब्रशअप तो कर ही सकती हैं।
फाउंडेशन या बेस चेहरे पर एकसार लगाकर, लिपलाइनर की मदद से ड्रेस से मेल खाती लिपस्टिक लगा लें। आंखों पर लाइनर या काजल लगाएं। यदि मस्कारा यूज कर सकती हो तो करें। आईशैडो भी थोड़ा बहुत लगाया जा सकता है।
लिपस्टिक लगाने के बाद आखिर में आप लिपग्लॉस लगा सकती हैं। मेकअप के साथ-साथ अपने हेयर स्टाइल पर भी ध्यान दें।
यदि बाल छोटे हैं तो आप इन्हें खुला रख सकती हैं। बहुत लंबे बालों को भी खुला छोड़ा जा सकता है, बशर्ते वे स्वस्थ हों। फ्रेंच रोल, जूड़ा, खजूर चोटी आदि हेयर स्टाइल दी जा सकती है। क्लचर या बटरफ्लाई क्लिप भी लगाया जा सकता है।
यदि ससुराल में सिर ढकना पड़ता हो तो चोटी से भी काम चला सकती हैं। दुल्हन की त्वचा यदि संवेदनशील है तो मेकअप से बचना ही उचित होगा, फिर भी यदि मेकअप करना जरूरी है तो कंसीलर का प्रयोग करें। यह आपके चेहरे के दाग-धब्बों को छुपा देगा।
व्यक्तित्व के ऊपरी आयाम को संवारने के साथ-साथ अपने व्यवहार, बोलचाल में भी नई-नवेली दुल्हन को संयम बरतना चाहिए।
यदि मेडिटेशन करती हैं तो अवश्य करें। प्राणायाम का अभ्यास शादी के तुरंत बाद बहुत काम आएगा, इससे दिन भर ताजगी और स्फूर्ति बनी रहेगी।
विवाह के पश्चात पहनावा पारंपरिक और परिवार के अनुरूप होना चाहिए। शादी के बाद दुल्हन को समारोहों के लिए स्वयं ही तैयार होना पड़ता है। ऐसे में अपने ऊपर फबते हुए रंगों का ही चयन करें। अपने रंगरूप, कद-काठी और व्यक्तित्व को उभारने वाले वस्त्र पहनें।