10 नीम के पत्ते, एक चम्मच हल्दी और दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी को गुलाबजल में पीस लें। इस पेस्ट को फोड़े-फुंसी, खुजली पर लेप की तरह लगाएं, आराम मिलेगा।
मंजीठ, नीम की पत्ती व छाल, हल्दी व लाल चंदन को समान मात्रा में लेकर पानी में घिस लें। लेप की तरह इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसके अलावा इनके मिश्रण से तैयार पाउडर की 2-4 ग्राम की मात्रा को एक माह तक खा भी सकते हैं। त्वचा पर खुजली, जलन और रेशेज में लाभ होगा।
कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे रसमाणिक्य, आरोग्यवर्धनी, पंचतिक्तघृत गुग्गुलू, पंच निंबादि चूर्ण, शुद्धगंधक, खदिरारिष्ट, सारिवाद्यासव, मंजिष्ठादि व त्रिफला चूर्ण, हरिद्राखंड आदि को विशेषज्ञ द्वारा बताई गई मात्रा में खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा त्वचा पर बाहरी रूप से लगाने के लिए चालमोगरा व बापची तेल का इस्तेमाल करें।
सावधानी : साफ-सफाई का ध्यान रखें। भोजन में तली-भुनी, खट्टी व गरिष्ठ चीजों से परहेज करें। शरीर में गर्मी बढ़ाने वाली चीजों से बचें और शरबत व ठंडाई पीएं। इसके अलावा नहाने में साबुन की बजाय मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग कर सकते हैं।