हमारे देश में सौंदर्य व निरोगी काया से जुड़ी प्राचीन लेकिन समृद्ध परम्पराएं हैं जो व्यापक रूप से आज भी प्रचलित हैं। उन्हीं में से है अभ्यंग स्नान। हजारों साल पहले हमारे वेदों में इनका वर्णन मिलता है।
•Dec 30, 2023 / 05:26 pm•
Jaya Sharma
हमारे देश में सौंदर्य व निरोगी काया से जुड़ी प्राचीन लेकिन समृद्ध परम्पराएं हैं जो व्यापक रूप से आज भी प्रचलित हैं। उन्हीं में से है अभ्यंग स्नान। हजारों साल पहले हमारे वेदों में इनका वर्णन मिलता है।
आयुर्वेद में तेल से शरीर की मसाज करने के बाद नहाया जाता है। उसे अभ्यंग स्नान कहते हैं। सर्दियों में तेल की मालिश वैसे भी फायदेमंद रहती है। सर्दियों में जड़ी-बूटियों से युक्त तिल के तेल से मालिश करना उपयोगी माना जाता है। उसके बाद स्नान होता है। ऐसा माना जाता है कि यह विशेष स्नान स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ाता है। सप्ताह में एक दिन इसे करें।
बीमारी के दौरान अभ्यंग स्नान न करें। आयुर्वेद के अनुसार बीमारी की अवस्था में तेल लगाने से पीड़ा अधिक होती है। बुखार में तो वैसे भी तेल लगाने से बचना चाहिए।
शरीर पर तेल लगाने की प्रक्रिया एकसाथ शुरू न करें। सप्ताहांत पर समय मिले तो इसे शुरू करें। धीरे-धीरे सप्ताह के बाकी दिनों में भी इसे कर सकते हैं। यह बेहद सरल दिनचर्या है।
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अभ्यंग स्नान नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक इससे विषाक्त पैदा होते है। सुबह खाली पेट, 9-10 बजे से पहले तेल से स्नान करना भी आदर्श है। इससे शरीर को दोषों को धीरे-धीरे रीसेट करने के लिए पूरा दिन मिल जाता है।
Hindi News / Photo Gallery / Health / Beauty / आयुर्वेद के अनुसार पीरियड्स के दौरान महिलाएं न करें ये स्नान