बालों के लिए –
रूखे बालों के लिए चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी के साथ 1/4 कप दही, दो चम्मच नींबू रस और दो चम्मच शहद मिलाकर बालों पर लगाएं। बाल मुलायम होंगे।
मुल्तानी मिट्टी को चार घंटे तक भिगोकर उसमें रीठा पाउडर मिलाएं। इस पेस्ट को बालों में लगाने से तैलीय बालों की समस्या दूर होती है। नेचुरल कंडिशनिंग के लिए मुल्तानी मिट्टी में छाछ मिलाकर लगाएं। मुल्तानी मिट्टी को बालों में 10 मिनट से ज्यादा ना लगाएं।
गर्मियों में फायदेमंद –
सनबर्न होने पर मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल या टमाटर के रस में मिलाकर लगाएं। मुल्तानी मिट्टी का लेप पैरों के तलवों में लगाने से ठंडक मिलती है।
त्वचा के लिए –
मुल्तानी मिट्टी नीम की पत्तियों वाले पानी में भिगोकर लेप करने से घमौरियां दूर होती हैं।
फोड़े-फुंसियां होने पर इस मिट्टी में कपूर मिलाकर लगाएं।
गर्मी में नकसीर की समस्या होने पर एक चौथाई गिलास पानी में रात को 5 चम्मच मुल्तानी मिट्टी भिगो दें। सुबह इसे छानकर नाक पर लेप करने से खून आना बंद हो जाएगा।
ड्राई और सेंसटिव स्किन वालों को मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग सप्ताह में एक बार ही करना चाहिए।
तैलीय त्वचा के लिए –
ऑयली स्किन वालों के लिए यह फायदेमंद होती है क्योंकि यह चेहरे का तेल सोखकर मुंहासे दूर करती है।
ऑयली स्किन वाले लोगों को इस मिट्टी में दही व पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिलाकर लगाना चाहिए। गुलाब जल व मुल्तानी मिट्टी मिलाकर भी चेहरे पर लगाई जा सकती है।
मुंहासे होने पर मिट्टी में सूखी नीम की पत्तियां मिलाकर लगाएं।
रूखी त्वचा होने पर इसमें चंदन पाउडर मिलाकर लगाएं।
आंखों के नीचे काले घेरे कम करने के लिए खीरे का रस व उबला आलू मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर आंखों के नीचे 10-15 मिनट तक लगाएं।