Eczema is a skin disease : एक्जिमा त्वचा संबंधी रोग है जिसमें स्किन पर लाल चकत्ते बन जाते हैं। बार-बार खुजली और जलन महसूस होती है। ऐसे में कई बार बैक्टीरियल इंफेक्शन से ये चकत्ते पक जाते हैं जिनमें से पानी आने लगता है। यह एलर्जी के अलावा मौसम में बदलाव होने पर भी प्रभावित करती है। जानते हैं इसके बारे में –
एक्जिमा के चार प्रकार हैं- कॉन्टेक्ट, एटोपिक, डिस्कॉयड और सेबोरहोइक। यह समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों को किसी भी मौसम में हो सकती है।
1. Contact eczema कॉन्टेक्ट एक्जिमा –
संक्रमण फैलाने व बढ़ाने वाले कारक त्वचा के संपर्क में आकर इसका कारण बनते हैं। इसमें किसी प्रकार की धातु, ज्वैलरी, डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, सौंदर्य प्रसाधनों, परफ्यूम, क्रीम व लोशन, शैंपू आदि में पाए जाने वाले रसायन एलर्जी की समस्या उत्पन्न कर एक्जिमा को बढ़ाते हैं।
परेशानी : हाथ-पैर, गले या ऐसी जगह जो संक्रमित वस्तु के संपर्क में आए।
यह भी पढ़ें
ऐसे लक्षण दिखाई दें तो हो सकती है फैटी लिवर कि समस्या
1. Contact eczema कॉन्टेक्ट एक्जिमा –
संक्रमण फैलाने व बढ़ाने वाले कारक त्वचा के संपर्क में आकर इसका कारण बनते हैं। इसमें किसी प्रकार की धातु, ज्वैलरी, डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, सौंदर्य प्रसाधनों, परफ्यूम, क्रीम व लोशन, शैंपू आदि में पाए जाने वाले रसायन एलर्जी की समस्या उत्पन्न कर एक्जिमा को बढ़ाते हैं।
परेशानी : हाथ-पैर, गले या ऐसी जगह जो संक्रमित वस्तु के संपर्क में आए।
2. Atopic eczema एटोपिक एक्जिमा –
यह ज्यादातर होने वाले एक्जिमा का प्रकार है। फैमिली हिस्ट्री होने पर यह समस्या होती है।
परेशानी : कोहनी, गाल, गर्दन, पैर का टखना, घुटने के पीछे का हिस्सा या चेहरे पर यह तकलीफ ज्यादा होती है।
यह ज्यादातर होने वाले एक्जिमा का प्रकार है। फैमिली हिस्ट्री होने पर यह समस्या होती है।
परेशानी : कोहनी, गाल, गर्दन, पैर का टखना, घुटने के पीछे का हिस्सा या चेहरे पर यह तकलीफ ज्यादा होती है।
यह भी पढ़ें
Reduce Uric Acid: खून में जमा गंदा यूरिक एसिड बाहर निकाल देंगे ये तीन पत्ते, बस रोज चबाने की डाल लें आदत
3. Discoid eczema डिस्कॉयड एक्जिमा –
इसे नुमुलर एक्जिमा भी कहते हैं जो क्रॉनिक डिजीज है। आमतौर पर इसका कोई निश्चित कारण नहीं होता। यह कीड़े के काटने, सूजन या मौसम में बदलाव से ज्यादा होती है।
परेशानी : वयस्कों के पैरों, बाजुओं या छाती पर सिक्के के आकार के चकत्ते पड़ जाते हैं।
4. Seborrheic eczema सेबोरहोइक एक्जिमा –
तनाव, जींस में बदलाव या गड़बड़ी और त्वचा में मौजूद कीटाणुओं की अधिक सक्रियता इसके कारण हैं।
परेशानी : बच्चों में ये सिर की त्वचा और कान के पीछे ज्यादा उभरते हैं। इसके अलावा यह बड़ों में चेहरे और छाती के मध्य भाग में होते हैं।
यह भी पढ़ें
विटामिन डी की कमी से हो सकती है ये बेहद खतरनाक बीमारी, जानिए Multiple Sclerosis: के खतरे और लक्षण
ये हैं मुख्य कारण –
आनुवांशिकता इसकी मुख्य वजह है। इसके अलावा कुछ मरीजों में मौसमीय बदलावों, किसी दवा के दुष्प्रभाव, धूल-मिट्टी से एलर्जी और रोजमर्रा में प्रयोग होने वाले उत्पादों से भी त्वचा पर एलर्जी की समस्या हो सकती है। इस तरह एलर्जिक, ऑटोइम्यून, इडियोपैथिक (जिसका कोई निश्चित कारण न पता हो) और संक्रमणों के चलते ये लाल चकत्ते उभरने लगते हैं।
भ्रम न पालें –
ज्यादातर लोग मानते हैं कि जिसे एक्जिमा की समस्या हो, उन्हें तला-भुना व मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। यह धारणा गलत है। भोजन से इसका कोई संबंध नहीं है। यह रोग खुली त्वचा पर उभरता है जो वातावरण से प्रभावित होता है।
ऐसे पहचानें –
त्वचा के प्रभावित हिस्से पर बार-बार खुजली, लालिमा व लाल चकत्ते बनना। त्वचा में रूखापन या परतदार होने जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं।
इलाज –
रोग की अवस्था के आधार पर दवाओं और क्रीम के जरिए उपचार होता है। खुजली में राहत के लिए एंटीसिस्टेमाइन दवाएं खाने के लिए और लाल चकत्तों पर कोर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम या ऑइन्टमेंट लगाने को देते हैं।
त्वचा के प्रभावित हिस्से पर बार-बार खुजली, लालिमा व लाल चकत्ते बनना। त्वचा में रूखापन या परतदार होने जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं।
इलाज –
रोग की अवस्था के आधार पर दवाओं और क्रीम के जरिए उपचार होता है। खुजली में राहत के लिए एंटीसिस्टेमाइन दवाएं खाने के लिए और लाल चकत्तों पर कोर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम या ऑइन्टमेंट लगाने को देते हैं।
यह भी पढ़ें