त्वचा बनी रहती है सॉफ्ट
नारियल को चेहरे पर अप्लाई करने से चेहरे की त्वचा बेहद सॉफ्ट हो जाती है। इस तेल के फैटी एसिड्स बेहद काम के होते हैं। खासकर सर्दियों में अक्सर आप देखते होंगे कि चेहरा और लिप्स फटने लगते हैं, इसके लिए नारियल का तेल उपयोग में लिया जा सकता है।
नारियल को चेहरे पर अप्लाई करने से चेहरे की त्वचा बेहद सॉफ्ट हो जाती है। इस तेल के फैटी एसिड्स बेहद काम के होते हैं। खासकर सर्दियों में अक्सर आप देखते होंगे कि चेहरा और लिप्स फटने लगते हैं, इसके लिए नारियल का तेल उपयोग में लिया जा सकता है।
एजिंग की प्रक्रिया होगी कम
नारियल का तेल लौरिक एसिड और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में यह सिर्फ त्वचा को मॉइश्चराइज ही नहीं करता, बल्कि चेहरे पर किसी तरह के इंफेक्शन या निशानों को भी सही करता है। सही मायने में यह एक तरह का स्किन रिपेयर उपाय है, जिसके एक साथ कई फायदे हैं।
नारियल का तेल लौरिक एसिड और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में यह सिर्फ त्वचा को मॉइश्चराइज ही नहीं करता, बल्कि चेहरे पर किसी तरह के इंफेक्शन या निशानों को भी सही करता है। सही मायने में यह एक तरह का स्किन रिपेयर उपाय है, जिसके एक साथ कई फायदे हैं।
चेहरे पर लकीरों को कम करता है
रात के समय मुंह धोकर नारियल का तेल लगाने से चेहरे पर झुर्रियां और लकीरें कम हो कम होती है। यदि आप लगातार इसका यूज करते हैं स्किन हेल्दी होती है और आपकी उम्र भी कम लगने लगती है।
रात के समय मुंह धोकर नारियल का तेल लगाने से चेहरे पर झुर्रियां और लकीरें कम हो कम होती है। यदि आप लगातार इसका यूज करते हैं स्किन हेल्दी होती है और आपकी उम्र भी कम लगने लगती है।
चमक रहेगी बरकरार
कई बार सर्दियों की शुरुआत से ही चेहरे पर ड्राइनेस आ जाती है। चेहरा सफेद—सफेद नजर आने लगता है। ऐसे कई बार चेहरे हर ड्राइनेस से इतनी खिंचावट होने लगती है कि लिप्स और नाक के आस—पास की त्वचा फटने लगती है, इस स्थिति से बचने के लिए भी आप नारियल का तेल लगा सकते हैं।
कई बार सर्दियों की शुरुआत से ही चेहरे पर ड्राइनेस आ जाती है। चेहरा सफेद—सफेद नजर आने लगता है। ऐसे कई बार चेहरे हर ड्राइनेस से इतनी खिंचावट होने लगती है कि लिप्स और नाक के आस—पास की त्वचा फटने लगती है, इस स्थिति से बचने के लिए भी आप नारियल का तेल लगा सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।