बता दें कि जिले के अमोढ़ा गांव में आयोजित चौपाल में जाते समय बीजेपी सांसद को ग्रामीणों का हाल ही में विरोध का सामना करना पड़ा था और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था । बीजेपी सांसद ने वायरल वीडियो की गलत व्याख्या पर सात लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाया है। पत्रकार वार्ता में नाराजगी जाहिर करते हुये सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि एक साजिश के तहत उनकी छवि धूमिल की जा रही है। उनका कहीं कोई विरोध नही था, क्षेत्र की जनता उनके साथ हैं।
बीजेपी सांसद ने कहा कि कुछ गिने चुने लोग जो चुनाव हार चुके हैं और भाजपा के सबका साथ विकास की मंशा के प्रबल विरोधी हैं, वह क्षेत्र के मुसलमानों को बरगलाकर माहौल खराब कर रहे हैं। सांसद ने कहा इस घटना से उनकी भावानायें आहत हुई है और वह दस करोड़ मानहानि का मुकदमा ठोंकेंगे।
सांसद ने कहा अमोढ़ा गांव में चार साल के अंदर कई बार चौपाल लगाया, हमेशा जनता के बीच रहता हूं, जनता का कहीं कोई विरोध नही नजर नही आया। सांसद ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा को साकार करने के लिये तीन गांवों को गोद लेना था, जिसके तहत राजा जालिम सिंह के नाम से ऐतिहासिक पहचान रखने वाले आमेढ़ा गांव को गोद लिया था। गांव में उस वक्त बुनियादी सुविधायें नही थीं। बैंक नही था, पीएनबी की शाखा खुलवाई गयी।
सांसद ने कहा जिस चौपाल में ग्रामीणों के विरोध का हौवा खड़ा किया जा रहा है उस दिन वे जिलाधिकारी के साथ करीब साढ़े तीन घण्टे तक रहे लेकिन कहीं विरोध नही दिखा। चौपाल में जाते समय कुछ लोग रास्ते में खड़े थे जो कोई खराब सड़क दिखाना चाहते थे, उन ग्रामीणों से लौटकर वापस आने की बात कहकर चौपाल में चले गये। सांसद ने कहा वे हमेशा जनता के बीच रहते हैं, जहां लोग नाराज हैं वहां भी जाने से परहेज नही करते। ऐसे में विरोध का सवाल ही नही उठता।
उन्होंने केन्द्र व प्रदेश सरकार के साथ ही स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखकर जनपद में फर्जी पत्रकारों को चिन्हित करने की बात कही। जिन लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें महेन्द्र तिवारी, अभिषेक खिलाड़ी, प्रभात शुक्ला, वीरेन्द्र भाई हिंदू, पंकज त्रिपाठी, हिमांशु मिश्रा तथा अनूप शुक्ला शामिल हैं।
BY- SATISH SRIVASTAVA