इंजीनियर बनना चाहते थे शिवपूजन शिवपूजन का बचपन से सपना था कि वह इंजीनियर बने लेकिन गरीबी ने उनका ये सपना पूरा होने नहीं दिया। अपना और परिवार का पेट पालने के लिए उन्हें रंगाई और पुताई का काम सीखना पड़ा और देखते ही देखते वह अच्छे पेंटर बन गए। उनको दीवारों पर की गई चित्रकारी आपका भी मन मोह लेंगी। लेकिन पेंटिंग में इतनी कमाई नहीं हो पाती थी जिससे खर्च चल सके। इसलिए उन्होंने बिल्डिंग निर्माण से संबंधित काम शुरू किया। गेट और ग्रिल जैसी चीजें बनाने लगे। हालांकि इस दौरान ही उनके मन में जुगाड़ वाली फरारी बनाने का ख्याल आया। इसके बाद उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया।
परिवार ने भी दिया साथ आपको बता दें कि फरारी बनाने का सपना सिर्फ शिवपूजन का ही नहीं था। इसमें उनके परिवार ने भी उनका बखूबी साथ निभाया। जब शिवपूजन को फरारी बनाने में पैसों की जरूरत हुई तो इसमें उनके भाइयों ने भी उनकी मदद की। वहीं परिवार की मदद के बाद शिव को एक नई उर्जा मिली और उसने तीन महीने में ही देसी फरारी तैयार कर दी। खबरों के मुताबिक, खुद शिव ने बताया कि अब तक इस फरारी के निर्माण में सवा लाख रुपये का खर्च हो चुका है। तीन पहिए पर चलने वाली इस फरारी में आगे दो और पीछे एक पहिया है।
दूध लेने जाने के लिए करते हैं फरारी की सवारी दरअसल, शिवपूजन ने बस्ती स्थित मालवीय रोड पर अपनी डेयरी की दुकान शुरू की है। वह हर दिन अपनी फरारी की सवारी करते हुए गांव से दूध लेकर जाते हैं। वहीं उनकी देसी फरारी 60 किलोमीटर प्रति घंटें की स्पीड से चलती है। इसमें पॉवर ब्रेक ऑपरेटिंग सिस्टम लगा हुआ है। इसके अलावा गाड़ी में चार बैट्री लगी हैं, जिसे चार्ज करने के बाद यह 80 किलोमीटर प्रतिघंटा का सफर तय करती है। वहीं हर दिन दुकान जाते हुए उनका किसी ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।