जगदलपुर. बस्तर में शुक्रवार को एक निजी हॉटल में एनएमडीसी द्वारा आयोजित किए गए वेंडर मीट में इंवेस्टरों ने बस्तर में निवेश के लिए जबदस्त उत्साह दिखाया है। इस आयोजन में मौजूद कलेक्टर बस्तर विजय दयाराम के. के मुताबिक इस मीट में २०० से अधिक इंवेस्टरों ने २० हजार करोड़ से अधिक का निवेश आने की उम्मीद जताई है।
दरअसल एनएमडीसी द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के एमएसएमई-विकास एवं सुविधा कार्यालय तथा राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के साथ संयुक्त रूप से आज जगदलपुर के निजी होटल में वेंडर्स मीट का आयोजन किया गया। इस मीट का आयोजन एमएसई को जगदलपुर और उसके आसपास सहायक उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। इस अवसर पर एनएमडीसी ने संभावित वेंडर्स के समक्ष एनएमडीसी की किरंदुल और बचेली स्थित खदानों तथा नगरनार स्थित एकीकृत इस्पात संयंत्र की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी, जिसमें अत्याधुनिक इस्पात संयंत्र के संचालन के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स और सेवाओं के बारे में बताया गया।
इंवेस्टरों के लिए सिंगल विंडो की शुरूआत
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता-खूबसूरती, जनजातीय संस्कृति और खनिज संसाधन ही हमारे क्षेत्र की पहचान है। साथ ही क्षेत्र में उद्योग स्थापना की अपूर्व संभावना है, शासन प्रशासन द्वारा भी आवश्यक पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापना के लिए सिंगल विंडो भी प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा उद्योगों और उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करने के लिए संभाग मुख्यालय में जीएमडीसी की पदस्थापना किया जा रहा है। उन्होंने वेंडरों को उद्योग स्थापना या व्यापार करने के दौरान यहां की जनता को रोजगार के अवसर देने के साथ-साथ उनके कल्याण का भी ध्यान देने कहा। उन्होंने स्थानीय जनजातिय लोगों को सम्मान जनक जीवन शैली देने की भी पहल करने की बात कही।
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता-खूबसूरती, जनजातीय संस्कृति और खनिज संसाधन ही हमारे क्षेत्र की पहचान है। साथ ही क्षेत्र में उद्योग स्थापना की अपूर्व संभावना है, शासन प्रशासन द्वारा भी आवश्यक पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर उद्योग विभाग द्वारा उद्योग स्थापना के लिए सिंगल विंडो भी प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा उद्योगों और उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करने के लिए संभाग मुख्यालय में जीएमडीसी की पदस्थापना किया जा रहा है। उन्होंने वेंडरों को उद्योग स्थापना या व्यापार करने के दौरान यहां की जनता को रोजगार के अवसर देने के साथ-साथ उनके कल्याण का भी ध्यान देने कहा। उन्होंने स्थानीय जनजातिय लोगों को सम्मान जनक जीवन शैली देने की भी पहल करने की बात कही।
यूपी, एपी, एमपी और पश्चिम बंगाल समेत छह राज्यों २०० वेंडर हुए शामिल
वेंडर मीट में देशभर से वेंडर पहुंचे थे। मिली जानकारी के अनुसार इसमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल थे। वहीं छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में वेंडर यहां पहुंचे हुए थे। इनमें सबसे अधिक दुर्ग और भिलाई के वेंडर थे। यहां इन्होंने लौह और स्टील पर निर्भर या आधारित प्लांट लगाने में रूचि दिखाई। यहां देशभर से करीब २०० से अधिक वेंडर शामिल हुए थे।
वेंडर मीट में देशभर से वेंडर पहुंचे थे। मिली जानकारी के अनुसार इसमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल थे। वहीं छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में वेंडर यहां पहुंचे हुए थे। इनमें सबसे अधिक दुर्ग और भिलाई के वेंडर थे। यहां इन्होंने लौह और स्टील पर निर्भर या आधारित प्लांट लगाने में रूचि दिखाई। यहां देशभर से करीब २०० से अधिक वेंडर शामिल हुए थे।
नहीं दिखा नक्सल डर, इधर प्रशासन ने जमीन तलाशनी शुरू की
नक्सल हमले के नाम पर जाना जाने वाले बस्तर के लिए अच्छी खबर यह थी कि मीट में यहां आने के पहले उनके मन में बस्तर को लेकर क्या पहचान थी, को लेकर सवाल किया गया तो अधिक वेंडरों ने नक्सल समस्या को तीसरे या चौथे स्थान पर रखा। पहले स्थान पर दुरस्थ, पहुंच विहीन समस्या को बताया। इससे साफ है कि बस्तर की तस्वीर अब बदल रही है।
नक्सल हमले के नाम पर जाना जाने वाले बस्तर के लिए अच्छी खबर यह थी कि मीट में यहां आने के पहले उनके मन में बस्तर को लेकर क्या पहचान थी, को लेकर सवाल किया गया तो अधिक वेंडरों ने नक्सल समस्या को तीसरे या चौथे स्थान पर रखा। पहले स्थान पर दुरस्थ, पहुंच विहीन समस्या को बताया। इससे साफ है कि बस्तर की तस्वीर अब बदल रही है।
बस्तर में बैठेंगे जीएम स्तर के अधिकारी
बस्तर की लंबे समय से मांग थी कि एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में हो। हालांकि यह मांग पूरी तो नहीं हुई लेकिन बस्तर में एनएमडीसी जीएम स्तर के अधिकारी को बैठाने पर राजी हो गया है। जल्द ही इसके लिए अलग से कार्यालय खोलने की तैयारी भी चल रही है। सहाकारी बैंक के करीब इनके कार्यालय को चिन्हाकिंत करने की भी सूचना है।
बस्तर की लंबे समय से मांग थी कि एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में हो। हालांकि यह मांग पूरी तो नहीं हुई लेकिन बस्तर में एनएमडीसी जीएम स्तर के अधिकारी को बैठाने पर राजी हो गया है। जल्द ही इसके लिए अलग से कार्यालय खोलने की तैयारी भी चल रही है। सहाकारी बैंक के करीब इनके कार्यालय को चिन्हाकिंत करने की भी सूचना है।
यह रहे मौजूद
कार्यक्रम में उपस्थित वेंडरों से भी उन्होंने बस्तर की चर्चा की। कार्यक्रम में एनएमडीसी के अधिकारी, उद्योग विभाग के अधिकारी, विभिन्न राज्यों, प्रदेश के कई जिलों के वेंडर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में उपस्थित वेंडरों से भी उन्होंने बस्तर की चर्चा की। कार्यक्रम में एनएमडीसी के अधिकारी, उद्योग विभाग के अधिकारी, विभिन्न राज्यों, प्रदेश के कई जिलों के वेंडर उपस्थित थे।