Rajasthan Assembly Election 2023: भाजपा बुजुर्ग नहीं, नए चेहरों पर लगा सकती है दाव
इस क्षेत्रों में अधिक होती है टमाटरों की पैदावार
किसानों की माने तो बस्सी क्षेत्र में सर्दियों एवं गर्मियों की अलग-अलग किस्म के टमाटरों की बम्पर पैदावार होती है। नवम्बर यानि दीपावली के आसपास सर्दियों के देशी किस्म के टमाटरों की पैदावार शुरू हो जाती है। ये टमाटर गढ़, लालगढ़, पील्या, मोरण्डी, दूबली, चावण्डड्या, रामपुरापुरा व बैनाड़ा में बम्पर पैदावार होती है। इसी प्रकार रतनपुरा, गोकुलपुरा, ढिंढोल, मनोहरपुरा, कचौलिया, पील्या, रतनपुरा, देवगांव में हाईब्रिड के टमाटरों की पौध तैयार की जाती है। इन टमाटरों की आवक अप्रेल, मई व जून तक चलती है। यहां से किसानों का टमाटर जयपुर, पंजाब, हरियाणा, पंजाब, बेंगलुरु व आंध्रा में जाता है। अधिक सर्दी व अधिक गर्मी में पौध तैयार नहीं होती है। व्यापारी नरेन्द्र पाटनी ने बताया कि यहां अधिक सर्दी व अधिक गर्मी में पौध तैयार नहीं होती है। यही कारण है कि इस इलाके में जुलाई व अगस्त में टमाटरों की किल्लत रहती है।
अन्य सब्जियों के भी भाव आसमान पर
इस बार न केवल टमाटर ही महंगे हैं बल्कि किसी भी सब्जी के भाव 40 रुपए किलो से कम नहीं है। अब ग्वार की फली 100 रुपए किलो बिक रही है। भिण्डी 60, खीरा 40, बैँगन 40, लॉकी 40, प्याज 20, टिण्डा 60, करेला 60, मिर्च 80 रुपए किलो तक बिक रही है।
Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस में टिकट के लिए बिन मांगे ही थमा रहे बायोडाटा
पिछले वर्षों नहीं मिले थे भाव
किसानों का कहना है कि पिछले चार वर्ष से किसानों को टमाटरों के अच्छे भाव नहीं मिलने से किसानों ने इस बार टमाटरों की पैदावार नहीं की है। जबकि इस वर्ष जिन किसानों के खेतों में टमाटरों की खेती थी वे किसान निहाल हो गए।