बड़ी बात तो यह है कि इन हादसों में शिकार हुए लोग कोई देव स्थान गए थे तो कोई परिवार सहित घूमने। पलसाना के पास सड़क हादसे में परिवार उजड़ने के चौथे दिन भी सामोद के खटीक मोहल्ले में सन्नाटा रहा। अपनों को खोने का दंश झेल रहे कैलाश व सुवालाल के अलावा प्रदीप पिंगोलियां के घरों में चीख-पुकार सुनाई दे रही है।
मासूम से हारी मौत. . .ऑक्सीजन लेवल 40, धड़कन दो बार बंद, फिर लौटे प्राण
हालात यह रहे कि जैसी ही जनप्रतिनिधि, रिश्तेदार व परिचित पीड़ित परिवार को ढांढस देने घर पहुंचते तो रूलाई फूट पड़ी। कैलाश व पत्नी कमला हादसे में खोए दो बेटे अजय, विजय व बेटी रेखा और एक बहु राधा को याद कर सिसक रहे थे। वहीं सुवालाल व पत्नी बिरमा देवी की दो बहू अनुराधा, पूनम, पौते आरव व पौती तृशा को याद कर रुलाई थम नहीं रही थी। इधर, प्रदीप व उसकी पत्नी का भी इकलौते बेटे को खोने से गमजदा है।
बेजूबान भी गम में
अपनों की मौत के गम में डूबे परिवार के बेजुबां मवेशियों की आंखों में भी अपनों को खोने का दर्द साफ महसूस किया जा सकता है। बाड़े में बंधे मवेशी अब भी अपनों की राह ताक रहे है। जो रोजाना उनके चारा पानी का इंतजाम करती थी। वह अब नहीं है। चीख पुकार के माहौल के बीच टकटकी लगाए हुए है। हालांकि रिश्तेदार व पड़ौसी चारा पानी की इंतजाम कर रहे है।
दो भाई व एक की पत्नी की हुई थी मौत
13 मई को खाटूश्यामजी के पास हादसे में परीक्षा देने जा रहे नांगल भरड़ा निवासी बंशीधर प्रजापत और दितेश व पिंकी पत्नी दितेश की मौत हो गई थी। हादसे में खोए दो बेटे और एक बहू को याद कर मां पतासी बिलख उठती है। पिता अशोक गुमशुम सा है। पति, देवर व बहन की याद में बंशी की पत्नी मोनी का हाल बेहाल है। बंशी की 6 माह की बच्ची को पता नहीं की पिता, चाचा व चाची अब नहीं रहे।
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रेवाड़ी में हुई थी ट्रक-जीप में टक्कर
17 मई को हरियाणा के रेवाड़ी में हुए सडक़ हादसे में जीप ट्रक की भिड़ंत में सामोद के ही रैगर मोहल्ले का एक परिवार उजड़ गया था। इसमें मंगली देवी के परिवार के पांच जनों की मौत हो गई थी। ये 23 साल बाद अपने पिता की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित करने गए थे। मंगली देवी ने हादसे में अपनी सास, पति, देवर, बेटे व ननद को खोया है।
परिवार के साथ गए थे घूमने
18 अप्रेल को पंजाब के रूपनगर के भांखड़ा नहर में कार डूबने पर नांगल की मूंगा वाली ढाणी निवासी बेटा राजेश जाट, बहू रीना, पोती राजश्री, बेटी सरिता, जवाई डॉ.सतीश पूनिया सहित नवासा दक्ष व नवासी राजवी की मौत हो गई थी। अपनों को खोने का दर्द 7 माह बीतने के बाद भी नांगल निवासी घासीराम व संतरा देवी के चेहरे पर साफ झलक रहा है। पथराई आंखों से अपनों को याद कर दोनों गुमशुम हो जाते है।
देव स्थान पर गए थे
1 जनवरी को पलसाना के पास सड़क हादसे में पिकअप, बाइक व ट्रक की भिड़ंत में सामोद कस्बे के खटीक मोहल्ला निवासी तीन परिवारों का भरा-पूरा परिवार उजड़ गया है। इसमें दो सगे भाई कैलाश व सुवालाल ने 8 जनों को हादसे में खो दिया है तो पड़ौसी प्रदीप पिंगोलिया ने भी इसी हादसे में अपने इकलौते बेटे को खोया है।