रामगढ़ बांध ऐतिहासिक बाणगंगा नदी पर बना है। बाणगंगा का उद्गम स्थल विराटनगर है। विराटनगर से बहकर नदी शाहपुरा व आमेर तहसील क्षेत्र से होकर जमवारामगढ़ में प्रवेश करती है। बाणगंगा व रामगढ़ बांध के पास रोडा नदी,शाहपुरा में माधोवेणी व आमेर से आने वाले नाले अतिक्रमण, चेकडेम, एनीकट, तलाईया, जोहड़, पोखर व तालाब बनाने से बंद हो गए है। जिससे पानी नदी तक नहीं पहुंचता है।
रामगढ़ बांध की पाल के पास एक निजी कम्पनी ने केबल डालने के लिए विगत वर्ष बरसात के मौसम के बाद नाली खोदी थी। इस नाली को कम्पनी ने सही नहीं किया है। जिससे करीब तीन सौ मीटर लम्बाई में पाल के पास पत्थर उखड़े पड़े है। वहीं भराव क्षेत्र व पाल विलायती बबूल से लकदक है।
रामगढ़ बांध में पानी लाने के लिए राज्य सरकार ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में शामिल किया है। इआरसीपी योजना केंद्र सरकार के समक्ष यह योजना वर्ष 2018 यानी करीब दो वर्ष से लम्बित है। इसके अलावा राज्य सरकार के पास बांध में पानी लाने की अन्य कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
रामगढ़ बांध की पाल की मरम्मत व मुख्य भराव क्षेत्र की साफ-सफाई मनरेगा योजना में काम चलाकर की जा सकती है। यहां पर मनरेगा योजना में बड़े काम स्वीकृत कर बांध की खुदाई भी की जा सकती है। लेकिन यह किसी को नजर नहीं आता है।
रामगढ़ बांध की पाळ के पास नाली को संवेदक ने सही नहीं किया तो उसके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एईएन से रपट लेकर कार्रवाई की जाएगी। बांध की पाल क्षतिग्रस्त है तो मरम्मत कराई जाएगी।
-सतीश खंडेलवाल अधिशाषी अभियंता जल संसाधन विभाग, जमवारामगढ़