मानसून की बारिश ने क्षेत्र को तरबतर रखा है, लेकिन बारिश के साथ ही बढ़ती मौसमी बीमारियों ने आमजन की नींद उड़ा दी है। स्थिति यह है कि शहर के राजकीय उपजिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों का आउटडोर 1300 तक पहुंच गया है। घर-घर में लोग मौसमी बीमारियों से पीड़ित हैं। शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ गई है। ओपीडी में परामर्श पर्ची काउंटर से लेकर डॉक्टर को दिखाने, जांच केन्द्र व दवा काउंटरों पर मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। मरीजों को देर तक कतारों में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
मरीजों को किया जा रहा भर्ती
चौमूं राजकीय उपजिला अस्पताल में 10 दिन पहले आउटडोर में 600 से 700 तक मरीज आ रहे थे, लेकिन पिछले तीन-चार दिन में बारिश के बाद एकाएक आउटडोर में आने वाले मरीजों की संख्या 1300 तक पहुंच गई है। इनमें 25 से अधिक मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। मंगलवार को अस्पताल में ओपीडी में परामर्श, पर्ची काउंटर, जांच कक्ष व दवा काउंटरों पर मरीजों की लंबी कतार लगी रही। कतार में मरीज अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। अभी डेंगू मलेरिया का प्रकोप नहीं होने से जरूरत राहत है।
चौमूं राजकीय उपजिला अस्पताल में 10 दिन पहले आउटडोर में 600 से 700 तक मरीज आ रहे थे, लेकिन पिछले तीन-चार दिन में बारिश के बाद एकाएक आउटडोर में आने वाले मरीजों की संख्या 1300 तक पहुंच गई है। इनमें 25 से अधिक मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। मंगलवार को अस्पताल में ओपीडी में परामर्श, पर्ची काउंटर, जांच कक्ष व दवा काउंटरों पर मरीजों की लंबी कतार लगी रही। कतार में मरीज अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। अभी डेंगू मलेरिया का प्रकोप नहीं होने से जरूरत राहत है।
शहरी पीएचसी में 200 तक पहुंच रहे मरीज
इधर, शहर के शहरी पीएचसी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। यहां वर्तमान में करीब 200 का आउटडोर पार कर गया है। जबकि 10 दिन पहले 100 से 120 तक आउटडोर था। बढ़े मरीजों में 25-30 बच्चे मौसमी बीमारी से पीड़ित हैं।
इधर, शहर के शहरी पीएचसी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। यहां वर्तमान में करीब 200 का आउटडोर पार कर गया है। जबकि 10 दिन पहले 100 से 120 तक आउटडोर था। बढ़े मरीजों में 25-30 बच्चे मौसमी बीमारी से पीड़ित हैं।
इन बीमारियों के बढ़े मरीज
चिकित्सकों के अनुसार बारिश के बाद खांसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द, दस्त, पेट दर्द के मरीज सामने आए है। एलर्जी के मरीज भी बढ़ गए हैं। मौसमी बीमारी का असर छोटे बच्चों में भी काफी है। उप जिला चिकित्सालय में पहुंचे रहे मौसमी बीमारियों के मरीजों में से तकरीबन 30-40 बच्चे भी शामिल हैं।
चिकित्सकों के अनुसार बारिश के बाद खांसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द, दस्त, पेट दर्द के मरीज सामने आए है। एलर्जी के मरीज भी बढ़ गए हैं। मौसमी बीमारी का असर छोटे बच्चों में भी काफी है। उप जिला चिकित्सालय में पहुंचे रहे मौसमी बीमारियों के मरीजों में से तकरीबन 30-40 बच्चे भी शामिल हैं।
मौसमी बीमारी से बचने के लिए बरते सावधानी
चिकित्सकों ने बताया कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए घरों के आसपास पानी का भराव नहीं होने दें। कूलर के पानी को रोजाना साफ किया जाए। बाहर के खाने से बचने के साथ ही घर का ताजा भोजन करना चाहिए। बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है। मच्छर जनित बीमारियां बढ़ने की संभावना के बीच जागरूक होने की जरूरत है।
चिकित्सकों ने बताया कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए घरों के आसपास पानी का भराव नहीं होने दें। कूलर के पानी को रोजाना साफ किया जाए। बाहर के खाने से बचने के साथ ही घर का ताजा भोजन करना चाहिए। बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है। मच्छर जनित बीमारियां बढ़ने की संभावना के बीच जागरूक होने की जरूरत है।
इनका कहना है…
मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े हैं। लोगों को अपने घर के आसपास भरे गड्ढों व अन्य जगह पर जला हुआ ऑयल डालना चाहिए। ताकि मच्छर जनित रोग से बचा जा सके। इस बार एलर्जी के मरीज भी बढ़े है।
-डॉ.सुरेश जांगिड़, प्रभारी, उपजिला अस्पताल, चौमूं
मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े हैं। लोगों को अपने घर के आसपास भरे गड्ढों व अन्य जगह पर जला हुआ ऑयल डालना चाहिए। ताकि मच्छर जनित रोग से बचा जा सके। इस बार एलर्जी के मरीज भी बढ़े है।
-डॉ.सुरेश जांगिड़, प्रभारी, उपजिला अस्पताल, चौमूं
मौसमी बीमारियों में इजाफा हुआ है। लोगों को घर में साफ-सफाई रखनी चाहिए। ताकि मच्छर नहीं पनप सके। बारिश के इस मौसम में खांसी-जुखाम, बुखार, पेट दर्द, दस्त व उल्टी के साथ ही एलर्जी के मरीज बढ़े है।
-डॉ.नीतू चौधरी, प्रभारी, यूपीएचसी, चौमूं
-डॉ.नीतू चौधरी, प्रभारी, यूपीएचसी, चौमूं