राजस्थान में मिड डे मील योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को प्रतिदिन मध्याह्न में भोजन दिया जाता है। यह योजना विद्यार्थियों को विद्यालय में नियमित रूप से आने के लिए प्रेरित करने और पर्याप्त पोषण प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई थी। बढ़ती महंगाई ने योजना को प्रभावित किया है। इसमें विद्यार्थियों की थाली प्रभावित हो रही है। जिले के सरकारी विद्यालयों में हजारों विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित होते हैं। हाल में मौसम की अस्थिरता से हरी सब्जियों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। सब्जियों के साथ दाल, तेल और मसालों की कीमतें भी पिछले एक साल में काफी बढ़ी है। इसका असर बच्चों की थाली पर हो रहा है। महंगाई के चलते मेन्यू के अनसार पोषाहार सामग्री की मात्रा में कटौती की जा रही है।
प्रतिदिन का अलग अलग मेन्यू
शिक्षा विभाग ने सोमवार से शनिवार तक के लिए अलग मेन्यू निर्धारित किया है। सोमवार को रोटी सब्जी, मंगलवार नमकीन दाल चावल, बुधवार दाल रोटी, गुरुवार खिचड़ी, शुक्रवार दाल रोटी, शनिवार सब्जी रोटी मेन्यू में शामिल किए गए है। इसके अलावा इस मेन्यू में सप्ताह में दो बार बच्चों को प्रोटीन और विटामिन युक्त हरी सब्जियां व फल परोसने का प्रावधान है। फल व हरी सब्जियां महंगी होने से नियमित नहीं परोसी जा रही है।
शिक्षा विभाग ने सोमवार से शनिवार तक के लिए अलग मेन्यू निर्धारित किया है। सोमवार को रोटी सब्जी, मंगलवार नमकीन दाल चावल, बुधवार दाल रोटी, गुरुवार खिचड़ी, शुक्रवार दाल रोटी, शनिवार सब्जी रोटी मेन्यू में शामिल किए गए है। इसके अलावा इस मेन्यू में सप्ताह में दो बार बच्चों को प्रोटीन और विटामिन युक्त हरी सब्जियां व फल परोसने का प्रावधान है। फल व हरी सब्जियां महंगी होने से नियमित नहीं परोसी जा रही है।
यह मिल रही राशि
शिक्षा विभाग की ओर से पोषाहार सामग्री के लिए कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 5.45 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 8.17 रुपए प्रति छात्र का भुगतान मिलता है। इस राशि में तेल, दाल, मिर्च, मसाला, और गैस सिलेंडर शामिल हैं। लेकिन फल, सबिज्यों व तेल की कीमतों में वृद्धि ने इस राशि को अपर्याप्त बना दिया है।
कुकिंग कन्वर्जन राशि में बढ़ोतरी नहीं
मिड डे मील योजना की लागत मूल्य में बाजार मूल्य की वृद्धि नहीं होने के कारण, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के सामने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने में कठिनाई हो रही है। कुछ स्कूलों में बच्चों को रोटी कम और दाल में पानी ज्यादा मिल रहा है। फल लगभग मिलना बंद ही हो गए। अक्टूबर 2022 में बढ़ाई गई कुकिंग कन्वर्जन राशि में कोई सार्थक बदलाव नहीं लाया है। इससे शिक्षकों को परेशानी और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ रही है। अधिकारी पोषाहार सामग्री व भोजन की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं लेकिन बजट में सुधार की कमी पर उनका ध्यान नहीं है। मिड डे मील योजना से जुडे शिक्षकों का कहना है सब्जी, मिर्च, मसाले सब कुछ महंगा हो गया है। महंगाई के अनुसार सरकार को वर्ष में दो बार कुकिंग कन्वर्जन राशि बढ़ानी चाहिए, जिससे बालकों को मेन्यू के अनुसार गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध हो सके।
मिड डे मील योजना की लागत मूल्य में बाजार मूल्य की वृद्धि नहीं होने के कारण, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के सामने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने में कठिनाई हो रही है। कुछ स्कूलों में बच्चों को रोटी कम और दाल में पानी ज्यादा मिल रहा है। फल लगभग मिलना बंद ही हो गए। अक्टूबर 2022 में बढ़ाई गई कुकिंग कन्वर्जन राशि में कोई सार्थक बदलाव नहीं लाया है। इससे शिक्षकों को परेशानी और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ रही है। अधिकारी पोषाहार सामग्री व भोजन की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं लेकिन बजट में सुधार की कमी पर उनका ध्यान नहीं है। मिड डे मील योजना से जुडे शिक्षकों का कहना है सब्जी, मिर्च, मसाले सब कुछ महंगा हो गया है। महंगाई के अनुसार सरकार को वर्ष में दो बार कुकिंग कन्वर्जन राशि बढ़ानी चाहिए, जिससे बालकों को मेन्यू के अनुसार गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध हो सके।
मसालों के भाव किलो में….
हरी मूंग दाल 105 से 110 रुपए
सरसों तेल 140 से 150 रुपए
लाल मिर्ची 270 से 300 रुपए
हल्दी 190 से 250 रुपए
जीरा 300 से 450 रुपए
हरी मूंग दाल 105 से 110 रुपए
सरसों तेल 140 से 150 रुपए
लाल मिर्ची 270 से 300 रुपए
हल्दी 190 से 250 रुपए
जीरा 300 से 450 रुपए