प्रदेश सहित चौमूं उपखंड के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। दुधारू पशुओं की मौत होने पर सरकार ने पशुपालकों को आर्थिक मदद देने के लिए मंगला योजना की शुरूआत की है। योजना के तहत 12 जनवरी 2025 तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसको लेकर चौमूं और गोविंदगढ़ नोडल परिक्षेत्र में पशु चिकित्सक पशु पालकों को योजना में आवेदन करने को लेकर जागरूक कर रहे है। ताकि अधिक से अधिक पशुपालकों को योजना का लाभ मिल सके। सरकार की गाइडलाइन के तहत योजना में लाभ लेने के लिए जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे और पशुओं के टैंगिग भी जरूरी रहेगी।
आवेदन की अंतिम तिथि 12 जनवरी 2025
गोविंदगढ़ नोडल प्रभारी पशु चिकित्सक मनीष गुप्ता ने बताया कि योजना के लाभ के लिए पशुपालकों को बीमा विभाग के एप-सॉफ्टवेयर पर आवेदन करना है। मोबाइल एप-वेब पोर्टल पर पशुपालक 12 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते है। पशुपालकों के लिए प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाए है। पिछले साल की बजट घोषणा के तहत मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में सरकार ने 400 करोड़ रुपए खर्च करके 21 लाख पशुओं के बीमा करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें बीमित पशु की मौत पर अधिकतर 40 हजार रुपए का क्लेम देना तय किया है। साथ ही पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र तय की है।
गोविंदगढ़ नोडल प्रभारी पशु चिकित्सक मनीष गुप्ता ने बताया कि योजना के लाभ के लिए पशुपालकों को बीमा विभाग के एप-सॉफ्टवेयर पर आवेदन करना है। मोबाइल एप-वेब पोर्टल पर पशुपालक 12 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते है। पशुपालकों के लिए प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाए है। पिछले साल की बजट घोषणा के तहत मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में सरकार ने 400 करोड़ रुपए खर्च करके 21 लाख पशुओं के बीमा करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें बीमित पशु की मौत पर अधिकतर 40 हजार रुपए का क्लेम देना तय किया है। साथ ही पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र तय की है।
पशुपालक को नहीं देना होगा प्रीमियम
योजना में बीमा के लिए पशुपालक को प्रीमियम देय नहीं होगा। यह योजना पूर्णतया नि:शुल्क होगी। दुधारू पशुओं की किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना जैसे आग लगने, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, जहरीला घास खाने या कीड़ा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर बीमा का क्लेम मिलेगा।
योजना में बीमा के लिए पशुपालक को प्रीमियम देय नहीं होगा। यह योजना पूर्णतया नि:शुल्क होगी। दुधारू पशुओं की किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना जैसे आग लगने, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, जहरीला घास खाने या कीड़ा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर बीमा का क्लेम मिलेगा।
पशुओं की टैगिंग अनिवार्य
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य की गई है। इसको लेकर पशु चिकित्सक पशुपालकों को पशुओं के टैगिंग कराने को लेकर भी सचेत कर रहे है। ताकि बीमा योजना से जुड़ पाए और लाभ मिल सके। नोडल अधिकारी ने बताया कि पशुपालक के अधिकतम दो दुधारू पशु गाय-भैंस एवं दोनों, 10 बकरी, 10 भेड़, 1 उष्ट्र वंश पशु का नि:शुल्क बीमा किया जाएगा। हालांकि बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार होगा।
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य की गई है। इसको लेकर पशु चिकित्सक पशुपालकों को पशुओं के टैगिंग कराने को लेकर भी सचेत कर रहे है। ताकि बीमा योजना से जुड़ पाए और लाभ मिल सके। नोडल अधिकारी ने बताया कि पशुपालक के अधिकतम दो दुधारू पशु गाय-भैंस एवं दोनों, 10 बकरी, 10 भेड़, 1 उष्ट्र वंश पशु का नि:शुल्क बीमा किया जाएगा। हालांकि बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार होगा।
फैक्ट फाइल….
—गोविंदगढ़ नोडल में 1 लाख 15 हजार पशु
—चौमूं नोडल में 1 लाख पशु इनका कहना है….
सरकार की मंगला पशु बीमा योजना पशुपालकों को संबल देगी। पशुपालक खुद ही ई-मित्र पर जाकर या खुद अपने मोबाइल से 12 जनवरी तक आवेदन कर सकते है। इसके बाद सरकार स्तर पर चयन करके पशुओं का बीमा होगा। किसानों को योजना को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
–डॉ.नरेन्द्र कुमार शर्मा, नोडल अधिकारी पशुचिकित्सालय, चौमूं
—गोविंदगढ़ नोडल में 1 लाख 15 हजार पशु
—चौमूं नोडल में 1 लाख पशु इनका कहना है….
सरकार की मंगला पशु बीमा योजना पशुपालकों को संबल देगी। पशुपालक खुद ही ई-मित्र पर जाकर या खुद अपने मोबाइल से 12 जनवरी तक आवेदन कर सकते है। इसके बाद सरकार स्तर पर चयन करके पशुओं का बीमा होगा। किसानों को योजना को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
–डॉ.नरेन्द्र कुमार शर्मा, नोडल अधिकारी पशुचिकित्सालय, चौमूं