बरेली से आई कवियत्री सुल्तान जहां ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन की शुरुआत की। कवियत्री सुल्ताना ने तुम्हारा दिल दुखाने की हिमाकत हम नहीं करते….रचना प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जयपुर से आए वीर रस के कवि अब्दुल गफ्फार खान ने राम मंदिर को समर्पित कविता मान अधूरा लगता है सम्मान अधूरा लगता है, दशरथ नंदन के बिन यह हिन्दुस्तान अधूरा लगता है……, राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे….और जो राम का नहीं वह हमारे काम का नहीं रचना प्रस्तुत कर श्रोताओं को भक्ति रस में डुबो दिया। उनकी हर पंक्तियों पर पंाडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने शूर वीरों की धरती राजस्थान के वीरों के बलिदान को याद करते हुए बलिदानों में सबसे ऊपर दिखता है राजस्थान मुझे, यदि राजस्थान नहीं होता तो हिंदुस्तान नहीं होता…. कविता गाकर श्रोताओं में राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार किया। देश के भाईचारे में नफरत फैलाने वालों पर भी कविता के माध्यम से प्रहार कर खूब तालियां बटोरी।
हास्य रस के कवि कमल मनोहर ने शानदार तरीके से मंच संचालन और रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कवि कमल ने कोरोना से जंग है जारी… जीतेंगे हम विश्वास है, हम जीतेंगे कविता प्रस्तुत कर सोशल डिस्टेंस के साथ कोरोना से बचने के उपाय भी बताए। उन्होंने हास्य रस की एक से बढक़र एक कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी। यूपी से आए कवि राम भदावर ने इतिहास के हर एक पन्ने में कथा सामथ्र्य की, इतिहास में लिखते नहीं बातें कभी व्यर्थ की, व देश की महानता पर काव्य पाठ कर श्रोताओं की दाद पाई।
इससे पूर्व एयू बैंक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुल्तान सिंह पलसानिया, अरुण शर्मा, कमलेश मंडोलिया, श्रद्धा कुंदन सिंह, मनोज यादव ने कवियों का अभिनंदन किया। इसके बाद सत्यम सुरेलिया ने कवियों का परिचय दिया।
प्रतिभाओं का सम्मान
कवि सम्मेलन में १०वीं बोर्ड में 95.34 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले लेटकाबास स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम राजकीय विद्यालय के हरिजन समाज के गरीब विद्यार्थी मनीष कुमार का भामाशाह सुल्तान सिंह पलसानिया व विराटनगर सीबीईओ राम सिंह मीणा, शाहपुरा एसीबीईओ बाबूलाल यादव, नोडल अधिकारी रूडमल कपूरिया, प्रधानाचार्य भैंरूराम जाट आदि ने सम्मान किया।