गोविंदगढ़. पुराने जमाने में किसान प्रकृति के संकेतों पर निर्भर थे, लेकिन आज के आधुनिक युग में मोबाइल और एआई ने किसानों को भी अपडेट कर दिया है। खेती किसानी में मौसम की जानकारी और नई तकनीक को किसान समझने लगे हैं। मोबाइल से मौसम का पूर्वानुमान लगाने के बाद ही खेती की योजना बनाई जा रही है। बुजुर्ग किसान भी परिजनों को सुबह बारिश होगी, फसल भीग जाएगी, फसल को आज ही ढक दो जैसी बातें कहते हैं। पहले किसान हवा के रुख, चांद के चारों ओर बने चक्र, विभिन्न जीव-जंतुओं के बोलने, चिड़िया के मिट्टी में नहाने सहित अन्य प्राकृतिक संकेतों से मौसम का मिजाज समझते थे। आज के डिजिटल युग में किसान मोबाइल और एआई का उपयोग कर फसल संबंधित जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। खेती किसानी में मौसम की जानकारी और नई तकनीक को किसान समझने लगे हैं। वर्तमान में किसान धीरे धीरे डिजिटल का उपयोग कर खेती किसानी में लाभ कमा रहे है।
खेती की बना रहे योजना
किसान अब स्मार्टफोन में मौसम संबंधित एप रखने लगे हैं। जिससे किसानों को यह समझने में मदद मिल रही है कि समय फसल की बुवाई व सिंचाई करनी है। बारिश की संभावना कब है ओर खेतों में कटी फसल को कब ढकना है। पूर्वानुमान से किसानों को बारिश व प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बच रहे हैं। किसान नारायण लाल, बाबूलाल सहित अन्य ने बताया कि वह फसल से संबंधित जानकारी मोबाइल से ही देख लेते हैं। कौनसी फसल में कब सिंचाई करनी है, कौनसी फसल में वर्तमान में किस रोग का प्रकोप बढ़ रहा है रोकथाम व उपाय, फसल की उपज क्या है। बात सिर्फ मौसम तक ही सीमित नहीं है, किसान मोबाइल में डिजिटल माध्यम से बाजार में फसल का मूल्य, बाजार में फसल की मांग, खेती से जुड़ी अन्य जानकारी भी प्राप्त कर लेते हैं।
किसान अब स्मार्टफोन में मौसम संबंधित एप रखने लगे हैं। जिससे किसानों को यह समझने में मदद मिल रही है कि समय फसल की बुवाई व सिंचाई करनी है। बारिश की संभावना कब है ओर खेतों में कटी फसल को कब ढकना है। पूर्वानुमान से किसानों को बारिश व प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बच रहे हैं। किसान नारायण लाल, बाबूलाल सहित अन्य ने बताया कि वह फसल से संबंधित जानकारी मोबाइल से ही देख लेते हैं। कौनसी फसल में कब सिंचाई करनी है, कौनसी फसल में वर्तमान में किस रोग का प्रकोप बढ़ रहा है रोकथाम व उपाय, फसल की उपज क्या है। बात सिर्फ मौसम तक ही सीमित नहीं है, किसान मोबाइल में डिजिटल माध्यम से बाजार में फसल का मूल्य, बाजार में फसल की मांग, खेती से जुड़ी अन्य जानकारी भी प्राप्त कर लेते हैं।
कृषि विभाग भी कर रहा है जागरूक
गोविंदगढ़ सहायक कृषि अधिकारी डॉ.हीरालाल यादव ने बताया कि कृषि विभाग भी किसानों को राज किसान साथी पोर्टल व एप के माध्यम से मौसमी संबंधित जानकारी, फसल बुवाई, फसल बुवाई का समय चक्र, कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ, आधुनिक कृषि पद्धति, जैविक खेती, कृषि नवाचार संबंधित जानकारी देने के साथ ही सोशल मीडिया ग्रुप बना कर जागरूक कर रहा है। जिससे किसानों को लाभ मिल रहा है।
गोविंदगढ़ सहायक कृषि अधिकारी डॉ.हीरालाल यादव ने बताया कि कृषि विभाग भी किसानों को राज किसान साथी पोर्टल व एप के माध्यम से मौसमी संबंधित जानकारी, फसल बुवाई, फसल बुवाई का समय चक्र, कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ, आधुनिक कृषि पद्धति, जैविक खेती, कृषि नवाचार संबंधित जानकारी देने के साथ ही सोशल मीडिया ग्रुप बना कर जागरूक कर रहा है। जिससे किसानों को लाभ मिल रहा है।
आधुनिक तकनीक का उपयोग
किसान मोबाइल का उपयोग कर सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न देशों में होने वाले कृषि के नवाचार सहित अन्य माध्यमों से जानकारी प्राप्त कर खेतों में भी नवाचार अपना रहा है। जिसे कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है।
किसान मोबाइल का उपयोग कर सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न देशों में होने वाले कृषि के नवाचार सहित अन्य माध्यमों से जानकारी प्राप्त कर खेतों में भी नवाचार अपना रहा है। जिसे कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है।