कोटपूतली फल व सब्जी मण्डी इन दिनों लाल गाजर की भारी आवक हो रही है। इस क्षेत्र की चटक लाल रंग वाली गाजर ने देश के कई राज्यों में पहचान बनाई है। इन प्रदेशों में यहां के गाजर की विशेष मांग रहती है। यहीं कारण है कि यहां से प्रतिदिन गाजर से भरे कई ट्रक अलग अलग शहरों के लिए रवाना होते है। मण्डी में प्रतिदिन गाजरों से भरी 150 से 200 पिकअप आ रही है। इससे मण्डी में जाम के अलावा मण्डी से बाहर सर्विसलेन व बानसूर रोड पर जाम के हालात रहते है। गाजर के कई ट्रक प्रतिदिन यहां से उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब व जम्मू के कई शहरों में जा रहे है। मण्डी में इन दिनों गाजर गुणवत्ता व रंग के आधार पर 15 से 35 रुपए किलोग्राम विक्रय हो रही है। मण्डी में दीपावली के बाद से गाजर की आवक शुरू हो गई थी। उस समय गाजर के भाव 50 से 55 रुपए किलोग्राम थे।
बाजरे के बाद गाजर की बुवाई
इस क्षेत्र के किसान पिछले कुछ वर्षो से बाजरे की फसल की कटाई के बाद गाजर की पैदावार कर रहे है। पहले बाजरे की फसल की कटाई के दो माह बाद सीधे सरसो, गेहूं जौ चना की बुवाई करते थे। अब किसान बाजरे की फसल की कटाई के बाद के दो माह का उपयोग गाजर की फसल के लिए कर रहे है। किसान बाजरे की फसल की कटाई के बाद भूमि में गाजर के बीज डाल देते है और बिना किसी विशेष प्रयासों के गाजर की बम्पर पैदावार हो रही है। गाजर के बीज को पकने व इससे तैयार होने में डेढ़ माह का समय लगता है। इससे पहले किसान कटाई व बुवाई के बीच दो माह के अन्तर में कोई फसल नहीं करते थे। इस क्षेत्र में पैदा हो रही गाजर को खरीदने के लिए हरियाणा व पंजाब के कई व्यापारी यहां डेरा डाले हुए है। जो यहां गाजर खरीद कर इन्हें ट्रकों में लोड करवा कर भेजते है।
इस क्षेत्र के किसान पिछले कुछ वर्षो से बाजरे की फसल की कटाई के बाद गाजर की पैदावार कर रहे है। पहले बाजरे की फसल की कटाई के दो माह बाद सीधे सरसो, गेहूं जौ चना की बुवाई करते थे। अब किसान बाजरे की फसल की कटाई के बाद के दो माह का उपयोग गाजर की फसल के लिए कर रहे है। किसान बाजरे की फसल की कटाई के बाद भूमि में गाजर के बीज डाल देते है और बिना किसी विशेष प्रयासों के गाजर की बम्पर पैदावार हो रही है। गाजर के बीज को पकने व इससे तैयार होने में डेढ़ माह का समय लगता है। इससे पहले किसान कटाई व बुवाई के बीच दो माह के अन्तर में कोई फसल नहीं करते थे। इस क्षेत्र में पैदा हो रही गाजर को खरीदने के लिए हरियाणा व पंजाब के कई व्यापारी यहां डेरा डाले हुए है। जो यहां गाजर खरीद कर इन्हें ट्रकों में लोड करवा कर भेजते है।
मण्डी परिसर पड़ा छोटा
फल व सब्जी व्यापारी अमरसिंह सैनी व मुकेश सैनी ने बताया कि मण्डी में गाजर की आवक का आलम यह है कि इसके लिए फल सब्जी मण्डी परिसर छोटा पड़ रहा है। इसके विक्रय करने के लिए अनाज मण्डी के खाली परिसर को उपयोग में लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बारिश के चलते गाजर की अगेती फसल की पैदावार गत वर्ष की तुलना कम रही है। 25 नवम्बर के बाद आवक बढ़ने की उम्मीद है।
फल व सब्जी व्यापारी अमरसिंह सैनी व मुकेश सैनी ने बताया कि मण्डी में गाजर की आवक का आलम यह है कि इसके लिए फल सब्जी मण्डी परिसर छोटा पड़ रहा है। इसके विक्रय करने के लिए अनाज मण्डी के खाली परिसर को उपयोग में लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बारिश के चलते गाजर की अगेती फसल की पैदावार गत वर्ष की तुलना कम रही है। 25 नवम्बर के बाद आवक बढ़ने की उम्मीद है।
इनका कहना है…
मण्डी में गाजर गुणवत्ता के हिसाब से अलग अलग दामों पर विक्रय हाे रही है। यहां की गाजर की मांग कई शहरों में रहती है। गाजर आवक 20 दिसम्बर तक रहेगी।
–प्रीति शर्मा, सचिव कृषि उपज मण्डी समिति कोटपूतली
मण्डी में गाजर गुणवत्ता के हिसाब से अलग अलग दामों पर विक्रय हाे रही है। यहां की गाजर की मांग कई शहरों में रहती है। गाजर आवक 20 दिसम्बर तक रहेगी।
–प्रीति शर्मा, सचिव कृषि उपज मण्डी समिति कोटपूतली