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पैर फिसलने से तालाब में गिरी भाभी, बचाने ननद भी कूदी, दोनों की मौत, परिवार में मचा कोहराम

फागी उपखंड के सुल्तानिया गांव के तालाब पर पानी लेने गई महिला का पैर फिसलने से वह डूब गई। उसे बचाने के लिए उसकी ननद भी तालाब में कूद गई। हादसे में ननद व भाभी की डूबने से मौत हो गई।

बस्सीAug 22, 2023 / 02:57 pm

Kamlesh Sharma

फागी उपखंड के सुल्तानिया गांव के तालाब पर पानी लेने गई महिला का पैर फिसलने से वह डूब गई। उसे बचाने के लिए उसकी ननद भी तालाब में कूद गई। हादसे में ननद व भाभी की डूबने से मौत हो गई।

फागी उपखंड के सुल्तानिया गांव के तालाब पर पानी लेने गई महिला का पैर फिसलने से वह डूब गई। उसे बचाने के लिए उसकी ननद भी तालाब में कूद गई। हादसे में ननद व भाभी की डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने दोनों के शव निकाले तो परिवार में कोहराम मच गया।

कार्यवाहक थानाधिकारी दया चन्द मीणा ने बताया कि राजेश गुर्जर निवासी सुल्तानिया ने रिपार्ट दर्ज कराई है कि उसकी भाभी पिंकी (28) पत्नी हरपाल गुर्जर व बहन गुड्डी (22) पुत्री रामजी लाल गुर्जर खेत पर चारा लेने गई थी। गांव के तालाब पर पिंकी पानी लेने के लिए गई थी।

जहां उसका पैर फिसलने से वह गहरे पानी में डूबने लगी। भाभी को डूबता देख उसे बचाने के लिए गुड्डी भी तालाब में कूद गई। तालाब में जलकुंभी के जाल में ननद व भाभी फंस गई और बाहर नहीं निकल पाई। डूबने से दोनों ने दम तोड़ दिया।

पूरे गांव में मातम का माहौल
गांव में एक ही घर में दो महिलाओं की मौत के बाद जहां परिवार में कोहराम मच गया वहीं पूरे गांव में भी मातम पसर गया। हर कोई पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचा। मृतका पिंकी के एक डेढ साल की पुत्री व तीन साल का पुत्र है। अबोध बालकों के सिर से मां का आंचल छिनने से इनके लालन पालन करने की जिम्मेदारी मजदूर पिता के कंधों पर आ गई है। पिंकी का सुल्तानिया गांव में अंतिम संस्कार किया गया। जबकि मृतका गुड्डी का उसके ससुराल पालूकलां में अंतिम संस्कार हुआ।

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दोनों को बचाने दौड़ पड़े ग्रामीण
जैसे ही गांव के लोगों तालाब में ननद और भाभी की डूबने की जानकारी मिलते ही कुछ ही मिनट बाद लोग तालाब की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों रस्से बांधकर उनकी तलाश शुरू की। पहले पिंकी को बाहर निकाल कर उसके शरीर से पानी निकालने का प्रयास किया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं गुड्डी का शव गहरे पानी में चले जाने के कुछ देर बाद निकाला गया। लेकिन उसे भी नहीं बचाया जा सका।

मोर्चरी का अभाव, गन्दे कमरे में पोस्टमार्टम
कहने को तो फागी में उपजिला अस्पताल है लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है। अस्पताल परिसर में पूर्व में बनी मोर्चरी के चारों ओर बबूल के पेड़ खड़े हैं। रास्ते कीचड युक्त होने के कारण चिकित्सक शव का पोस्टमार्टम करने के अस्पताल परिसर में वीरान जगह देखकर पोस्टमार्टम कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते हैं। ननद और भाभी के शव का भी चिकित्सकों ने प्याऊ के पास कर्टन से भरे गन्दे कमरे में आनन-फानन में पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया।

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