डॉगी की मौत के बाद परिवार का उसके साथ प्रेम की इंतेहा भी देखने को मिली। मित्तल परिवार ने न सिर्फ विधिवत तरीके से मृत डॉगी का अंतिम संस्कार किया। उससे पहले ब्रूनो के शव को बकायदा फूलों से सजाकर बाजे – गाजे के साथ शव यात्रा भी निकाली गई। कास बात ये है कि, इस शव यात्रा में सिर्फ मित्तल परिवार ही नहीं, बल्कि गांव के भी कई लोग शामिल हुए थे।
यह भी पढ़ें- चर्चा में कांग्रेस नेता की बेटी की शादी कार्ड पर छपे हैं नारे, भगवान की जगह लगी है कांशीराम की फोटो
ब्रूनो की कमी हमेशा मेहसूस होगी- परिवार
शोकाकुल परिवार का कहना है कि, ब्रूनो एक माह का था जब से उसे उन्होंने अपने परिवार का हिस्सा बनाया था। आज वो 5 साल का हो चुका था। उसकी मृत्यु हो जाने से मातम छा गया है। परिवार के सदस्य राघव मित्तल का कहना है कि, कल मुझे इंदौर जाना था, लेकिन ब्रूनो ने मेरे पैर पकड़ लिये और जाने नहीं दिया, जिसके चलते राघव मित्तल ने इंदौर जाने का प्लान कैंसिल कर दिया। इसके बाद ही अचानक ब्रूनो की एक्सीडेंट में मौत हो गई। राघव मित्तल ने कहा कि, मेरे परिवार पर कोई मुसीबत आने वाली थी, जो ब्रूनो ने खुद पर ले ली और अपनी जान गवा दी। परिवार का कहना है कि, हर छोटे – मोटे त्योहारों में हर खुशी में ब्रूनो हमारे परिवार का एक हिस्सा हुआ करता था, उसकी कमी हमेशा महसूस होगी।