बड़वानी

राजघाट टापू शुरू हुआ खाली होना, कुछ अब भी डटे

नर्मदा का जलस्तर हुआ 132.500 मीटर, आधे आधे डूबे मकान

बड़वानीAug 19, 2019 / 11:00 pm

रियाज सागर

राजघाट टापू शुरू हुआ खाली होना, कुछ अब भी डटे

बड़वानी. सरदार सरोवर बांध की डूब में आने के बाद बैक वाटर से टापू बने राजघाट में लगातार नर्मदा का जलस्तर बढऩे से पानी मकानों में प्रवेश करने लगा है। सोमवार को राजघाट से कुछ परिवारों ने बढ़ते पानी के कारण पलायन कर दिया। वहीं, कुछ परिवार अब भी डूब के सामने डटे हुए हैं। सोमवार रात तक नर्मदा का जलस्तर राजघाट पर 132.500 मीटर तक पहुंच गया। जिसके कारण यहां मौजूद 104 साल पुराना दत्त मंदिर की सिर्फ छत ही नजर आ रही है।
राजघाट बैक वाटर के कारण टापू बन चुका है। यहां तक पहुंचने का रास्ता सिर्फ नाव के जरिए ही बचा हुआ है। इसके बाद भी डूब से बाहर किए जाने के विरोध में टापू पर 45 परिवार बसे हुए हैं। इसमें से कुछ परिवार सोमवार को अपना घर खाली कर बड़वानी में रहने चले गए। जबकि कई परिवार अब भी टापू पर ही बसे हुए हैं। प्रशासनिक अमला बाकी बचे लोगों को भी समझाइश देकर टापू छोडऩे के लिए कह रहा है। यहां बसे डूब प्रभावितों का कहना है कि जब हम डूब से बाहर हैं तो फिर डूबे या बचे किसी से क्या मतलब। प्रशासन जब तक हमें डूब प्रभावित नहीं मानता और हमारा विस्थापन नहीं करता, तब तक हम टापू पर ही बने रहेंगे।
राजगढ़ी डेरा महादेव मंदिर हुआ जलमग्न भवती
डूब ग्राम भवती के पास गोई नदी के किनारे बना प्राचीन राजगढ़ी डेरा शिव मंदिर भी सोमवार को जलमग्न हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि गोई नदी के किनारे इस मंदिर को राजाओं ने विस्थापित किया था। प्रशासन ने कई बार डूब क्षेत्र का दौरा किया, लेकिन इस मंदिर पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस मंदिर का पुनर्वास भी अभी बाकी है। श्रावण मास में इस मंदिर में दूर-दूर से दर्शनार्थी पूजन-अर्चन के लिए आते है। वहीं, मंदिर के पास बसे ग्राम चीपाखेड़ी पहुंच मार्ग के पुल पर भी पानी आना शुरू हो गया है। डूब से बाहर इस गांव में जाने का एक ही रास्ता होने से जलस्तर बढऩे के बाद आवागमन बंद हो जाएगा।

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