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बड़वानी

भिलटदेव शिखरधाम पहुंचना होगा आसान, ये हो रहे उपाए

भिलटदेव लाखों श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र हैं। पहाड़ी के शिखर पर बाबा का मंदिर है। अब यहां पहुंचना आसान होगा। कवायद शुरू किए गए हैं।

बड़वानीAug 28, 2017 / 12:01 pm

सेराज खान

Drill begin for Bhilat Dev Shikhar Dham temple approach avenue

Drill begin for Bhilat Dev Shikhar Dham temple approach avenue

सेंधवा.जिले के ग्राम नागलवाड़ी के शिखर पर स्थित भीलट देव मंदिर के लिए मेला स्थल से मंदिर तक 3 किलोमीटर पहुंच मार्ग के निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री की ओर से लगभग सात वर्ष पूर्व की गई थी। अब जाकर इसके क्रियान्वयन की दिशा में पहल शुरू हुई है। धाम तक मार्ग की सीमेंटीकरण सहित धाम के आसपास बगीचे का निर्माण करने की भी योजना है। मंशा रंग लाई तो शीघ्र शिखर धाम तक पहुंचना आसान होगा। साथ ही धाम के आसपास की सुदंरता में और निखार आ जाएगी।
शिखर धाम तक मार्ग निर्माण के संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता बीएल जैन ने 4 अप्रैल को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। सड़क निर्माण कराने की मांग दोहराई गई थी। इसके बाद लोक निर्माण विभाग की ओर से जैन को प्रत्र प्राप्त हुआ है। नांगलवाड़ी से भीलटदेव बाबा मंदिर की पहाड़ी तक डामरीकरण व पहाड़ी पर शिखर तक के मार्ग का सीमेंटीकरण एवं ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित सुंदर बगीचे को और सुंदर बनाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। इसका क्रियान्वयन ग्रामीण एवं विकास विभाग द्वारा होना था। नांगलवाड़ी से भीलटदेव बाबा मंदिर की पहाड़ी (मेला स्थल) तक डामरीकरण कार्य लोनिवि को दिया गया था। 3.93 किमी में डामरीकरण कार्य 2013 में पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य मेला स्थल से भीलटदेव बाबा मंदिर की पहाड़ी पर शिखर तक सीसी रोड का निर्माण कार्य ग्रामीण एवं पंचायत विकास विभाग, बड़वानी द्वारा किया जाना था, जो आज तक प्रारंभ नहीं किया गया है। मार्ग की अनुमानित लागत 3 करोड़ रुपए है। वर्ष 2017-18 में जिले की प्लान सिलिंग रुपए 45 करोड़ है। सिलिंग राशि 37 करोड़ 14 लाख शेष है। कार्यपालन यंत्री द्वारा मुख्य अभियंता को वस्तुस्थिति से अवगत कराकर धनराशि उपलब्धता की जानकारी प्रेषित कर उचित कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया है। जैन ने कहा सतपुड़ा की सुरम्य पहाडियों में बना हुआ भीलट देव का मंदिर मप्र ही नहीं राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात सहित देश के कई क्षेत्रों के लोगों की आस्था का केंद्र है। प्रतिवर्ष यहां नागपंचमी मेले में 10 लाख तक भक्त आते हैं।
नागपंचमी पर उमड़ते हैं श्रद्धालु
नागपंचमी के दौरान श्रध्दालुओं को 4 से 6 किलोमीटर की लंबी कतार में लगकर 6 से 8 घंटे में दर्शन होते हैं। श्रद्धर का यह सैलाब इसलिए उमड़ता है कि श्रद्धालु अपनी समस्या के निदान के लिए भीलट देव की मन्नत लेते हैं और पूरी होने पर यहां आकर अपनी मन्नत उतारते है। पहाड़ी अंचल में शिखर पर बने हुए इस मंदिर का जीर्णोद्वार फरवरी 2015 में पूरा हुआ। लगभग 10 करोड़ रुपए से अधिक की दान राशि से कार्य संपन्न हुए। चौंकाने वाली बात यह है कि बीते लगभग 10 वर्षों से लाखों की भीड़ यहां दर्शन के लिए आती है। ग्रामवासियों के सहयोग से व्यवस्था ऐसी बनती है कि हर कार्य यहां निर्विघ्न रूप से संपन्न होते आए हैं।
दुर्घटना की बनी रहती आशंका
जैन ने बताया कि शिखर धाम तक पहुंचने के लिए पहाड़ी हिस्से को काटकर कच्ची सड़क का निर्माण किया गया है। यह 3 किलोमीटर का हिस्सा घुमावदार है। जहां दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए सड़क निर्माण एवं बगीचे को सुंदर बनाने का कार्य शीघ्रता से किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री से शीघ्र घोषणाओं को पूर्ण करने पर जोर दिया गया है।

 

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