समिति के राजा सिंह मंडलोई ने बताया कि नवरात्र के चलते पूरे मंदिर परिसर में रंग-बिरंगी आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई है। पहाड़ी के नीचे स्थित शीतला माता मंदिर से ऊपर मंदिर पहुच मार्ग तक पर्याप्त बिजली की व्यवस्था की गई है। इससे मंदिर परिसर तक पैदल या बाइक से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए मंदिर समिति के कई युवा कार्यकर्ता दिनरात अपनी सेवाएं दे रहे है। मंदिर परिसर में वाहनों की उचित पार्किंग व्यवस्था से लेकर मंदिर परिसर में साफ सफाई तथा भक्तों को दर्शन करने तक सारी व्यवस्थाएं संभाल रहे है।
मंदिर समिति मुख्य आभा सिंह राजपूत ने बताया कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते पूरी एहतियात बरती जा रही है। यहां नवरात्र में प्रतिवर्ष वर्ष हरदिन सामूहिक माहारती के बाद करीब 2 से 3 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी की प्रसादी का वितरण किया जाता था, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण प्रसादी का वितरण नहीं किया जा रहा है व प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए रात्रि में होने वाले गरबे भी नहीं किए जा रहे है। वहीं मंदिर के बाहर मुख्य गेट पर सैनेटाइजर मशीन लगाई गई है। भक्तों को इस मशीन से निकलने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। समिति के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा माताजी के दर्शन के लिए एक समय में 4 से 5 लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है।
नवमीं पर करेंगे कुलदेवी का पूजन
क्षत्रिय राजपूत समाज नगुमाता को अपनी कुल देवी के रूप में पूजते है। नवमीं के दिन सुबह से समाज के लोग गीले कपड़े में पहाड़ी पर पैदल चल कर माताजी की कुल देवी के रूप में पूजा अर्चना कर भोग लगाएंगे। नवमीं के दिन मुख्य जजमान द्वारा जोड़े से पंडित द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माताजी की पूजा अर्चना कर हवन कर पूर्णाहुति की जाएगी। इसके बाद भरकोला काट कर नवरात्रि का समापन किया जाएगा। नवरात्र के चलते आसपास के खरगोन, खंडवा, धार, इंदौर तथा बड़वानी जिले से कई मन्नत धारी आकर माताजी के दर्शन कर अपनी मन्नतें पूरी कर रहे है व कई भक्त अपनी मन्नतें पूरी करने की गुहार माताजी से लगा रहे है।