पत्रिका टीम पहुंची, भागने लगे युवा खेड़ रोड पर महेश टॉवर के पास एक गली में दो हुक्का बार के संचालन की जानकारी पर सोमवार रात ९:३५ बजे पत्रिका टीम पहुंची तो हुक्का बार के बाहर सिगड़ी जलाई जा रही थी, ताकि हुक्के के शौकीन हुक्का बार की आसानी से पहचान कर सके। बार के अंदर रंगबिरंगी रोशनी में ऑलीशान सोफों व कुर्सियों पर १८ से २५ साल की उम्र के युवा हुक्के से धुएं के छल्ले उड़ा रहे थे। पूरे हॉल में धुंआ ही धुंआ फैला था। फोटो लेते देख कई भाग गए तो कई वहीं नशे में चूर होकर जमे बैठे फोटो नहीं लेने की मिन्नते करते रहे। इसी के सामने एक बाड़े में संचालित हुक्का बार में ९:४२ बजे पत्रिका टीम पहुंची तो वहां भी युवा हुक्के से धुएं के छल्ले उड़ा रहे थे।
अलग-अलग फ्लेवर से लुभाते पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि हुक्का बार में युवाओं को लुभाने व ठंडा एहसास करवाने के लिए संचालक मिंट, मीठे-कसैले स्वाद के लिए फलों का, ठंडे और गर्म असर के लिए दो फ्लेवर का मिश्रण व रोमांटिक मूड के लिए आडू या संतरे के फ्लेवर वाला तंबाकू डालते है।
गांवों से शहरों तक पहुंचा शौक पहले बुजुर्ग तंबाकू से भरा हुक्का गुडग़ुड़ाते थे, लेकिन वर्तमान में युवाओं के बीच हुक्के में प्रयुक्त फ्लेवर्ड टिकिया काफी चर्चित है। युवाओं के बीच रखे कांच के हुक्के से उठता धुआं इसके प्रति युवाओं के क्रेज को बयां करता है। इन हुक्का बार में नाबालिग बच्चों को आसानी से प्रवेश दिया जा रहा है।
पुलिस पर सवालिया निशान शहर के प्रमुख मार्गां पर हुक्का बार का बेखौफ संचालन पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में नशे के बढ़ते कारोबार पर उद्यमियों की मांग पर रीको पुलिस चौकी में कुछ समय पूर्व पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। पुलिस की ओर से लगातार गश्त के दावे किए जा रहे हैं। वहीं प्रत्येक जगह पर नजर रखने के लिए हर इलाके में बीट कांस्टेबल तय है , जो अवैध गतिविधियों व कारोबार की जानकारी उच्चाधिकारियों दे सके। यहां संचालित हुक्का बार की जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होना पुलिस पर सवाल खड़ा रहा है।