बाड़मेर. बाड़मेर जिले के हरसाणी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास में छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार व दोस्ती का दबाव बनाने वाले वार्डन को बुधवार को निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने निलम्बित कर दिया। प्रधानाचार्य राउमावि हरसाणी कैलाशचंद्र आर्य के पास छात्रावास के वार्डन की भी जिम्मेदारी थी। विभाग ने निलम्बन के साथ ही वार्डन के खिलाफ विभाागीय जांच के आदेश दिए है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 9 माचज़् के अंक में ‘वार्डन छात्राओं से पूछता है, क्या तुम मुझ से दोस्ती करोगी Ó प्रकाशित समाचार से गंभीर मामले को उजागर किया गया। इसके बाद 24 घंटे में विभाग ने कार्रवाई करते हुए वार्डन को सस्पेंड कर दिया। निलम्बन काल में वार्डन का मुख्यालय निदेशक कार्यालय बीकानेर किया गया।
महिला थाना उप निरीक्षक पहुंची छात्रावास
मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाना उपनिरीक्षक डिम्पल कंवर बुधवार को छात्रावास पहुंची। उन्होंने यहां अध्ययनरत बालिकाओं से जानकारी ली है। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी बालिका ने लिखित रिपोर्ट नहीं दी है।
सेड़वा सीबीईओ करेंगे जांच
वार्डन की ओर से छात्राओं पर दोस्ती करने का दबाव बनाने के मामले की जांच शिक्षा विभाग की ओर से सेडवा सीबीईओ दिनेश कुमार शर्मा को दी गई। शर्मा अगले एक-दो दिन में मामले की जांच के लिए मौके पर जाएंगे।
क्या था पूरा मामला
छात्राओं ने आरोप लगाया कि वार्डन की ओर से दोस्ती करने का दबाव बनाया जा रहा था। वहीं छात्रावास में लगे सीसीटीवी कैमरे वार्डन के मोबाइल से जुड़े थे। साथ ही वार्डन की ओर से छात्राओं को साथ बैठकर खाना खाने का दबाव बनाया जाता था। छात्राओं को अपनी हिफाजत के लिए बारी बारी चौकीदारी भी करनी पड़ती थी। साथ ही छात्रावास परिसर में लगे गरिमा बॉक्स पर कैमरा होने की वजह से वे शिकायत भी नहीं कर सकती थी। छात्रावास में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राएं रहती है।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मांगी रिपोर्ट
छात्रावास मामले में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। आयोग की ओर से जिला कलक्टर बाड़मेर को पत्र भेजकर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास मामले की जांच और कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट सात दिन में आयोग को भिजवाने का कहा है।
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