विजय मशाल की अगुआई कमाण्डर बोगरा ब्रिगेड और स्टेशन कमाण्डर ब्रिगेडियर सलिल सेठ, ने की। कार्यक्रम में १९७१ के युद्ध में शहीद हुए सेना मेडल सिपाही दीपाराम के पुत्र स्वामीराम को कमाण्डर बोगरा ब्रिगेड ब्रिगेडियर सलिल सेठ ने सम्मानित किया।
स्वर्णिम विजय वर्ष के समारोह के हिस्से के रूप में युद्ध के दिग्गजों और वीर नारियों के अभिनन्दन, युद्ध के दिग्गजों के घरों में जीत की लौ ले जाने, प्रेरक और शैक्षिक फिल्मों की स्क्रीनिंग और पौधरोपण अभियान जैसे कार्यक्रमों की एक शृंखला आयोजित की जाएगी।
साथ ही इस युद्ध के योद्धाओं के घरों की पवित्र मिट्टी को इक_ा किया जाएगा। गौरतलब है कि 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हराया। 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी परंपरागत युद्ध में सबसे ज्यादा था।
पाकिस्तानी सेना की तरफ से पूर्वी पाकिस्तान आर्मी कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल परम विशिष्ठ सेवा मेडल जगजीत सिंह अरोरा के समक्ष आत्मसमर्पण किया।