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बाड़मेर

कोवैक्सीन टीके लगाने वालों को करना पड़ रहा लम्बा इंतजार

– अभी कोविशील्ड की आपूर्ति ज्यादा, कोवैक्सीन की कमी
– लाइन में लगने पर जब आता नंबर तब चलता पता कि यहां तो कोविशील्ड ही

बाड़मेरJul 26, 2021 / 01:27 am

Dilip dave

कोवैक्सीन टीके लगाने वालों को करना पड़ रहा लम्बा इंतजार

कोवैक्सीन टीके लगाने वालों को करना पड़ रहा लम्बा इंतजार

बाड़मेर. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरूक लोगों ने कोरोना का टीका तो लगा दिया लेकिन अब वहीं टीका आफत बन रहा है।

क्योंकि उन्होंने कोरोना का पहला टीका कोवैक्सीन का लगाया है जिसकी दूसरी डोज कम आ रही है। स्थिति यह है कि कई जनों को दो माह से ऊपर हो चुके हैं लेकिन दूसरी डोज नहीं लग रही है। स्थिति उस समय और विकट हो जाती है जब लाइन में लम्बे इंतजार के बाद नम्बर आता है तो पता चलता है कि उनको तो कोवैक्सीन लगी थी जबकि यहां कोविशील्ड लग रही है। इस पर मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है।
कोरोना से बचाव को लेकर टीकाकरण ही विकल्प है जिस पर थार में जागरूक लोग अब टीकाकरण में रुचि ले रहे हैं। इसके चलते शहर में जहां भी टीकाकरण हो रहा है वहां लम्बी कतारें लग जाती है। यह स्थिति पिछले कुछ माह से है। दूसरी ओर वैक्सीन नहीं आने से कई बार सेंटर बंद रहते हैं और लोग चक्कर काटते रहते हैं। इसमें भी उन लोगों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है जिन्होंने कोवैक्सीन लगाई है। क्योंकि इसकी आपूर्ति नाममात्र की हो रही है। अधिकांश केन्द्रों पर अब कोविशील्ड ही लग रही है।
पहला टीका लगते ही बढ़ी परेशानी- जिले में पहले कोवैक्सीन आई थी और पैंतालीस से ऊपर की आयु के लोगों में से अधिकांश को यहीं वैक्सीन लगी। इसके बाद कोविशील्ड आ गई है। अब कोविशील्ड का टीका अधिकांश जगह लग रहा है। हालांकि कोवैक्सीन आती तो है लेकिन काफी कम इस पर सभी को नहीं लग रही। जिन्होंने पहला टीका इसका लगाया है उनको लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि दो माह से ऊपर होने के बावजूद कई जने अभी भी दूसरी डोज से वंचित है।
करीब पौने ग्यारह लाख लग चुकी डोज– जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक कोरोना के करीब पौने ग्यारह लाख डोज लग चुके हैं जिसमें प्रथम डोज ८ लाख ३४ हजार थी जबकि शेष दूसरी डोज है। प्रथम डोज में भी बमुश्किल सत्तर हजार डोज कोवैक्सीन की आई थी। अब दूसरी डोज में इसकी चौथाई डोज भी नहीं आई है। इस पर हजारों जने कोवैक्सीन डोज को तरस रहे हैं।
अधिकांश बुजुर्ग, नहीं जानकारी– कोवैक्सीन की दूसरी डोज को लेकर दिक्कत यह भी है कि अधिकांश बुजुर्ग लोगों को इसकी प्रथम डोज लगी थी। उनको यह पता नहीं है कि दूसरी डोज कब लगेगी और कहां लगेगी। पूर्व में अस्पताल व अन्य केन्द्रों पर लगी थी जहां अब भीड़ रहने पर वे जाने से डरते हैं जबकि कभी जाते भी है तो पता चलता है कि यहां तो कोवैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है।
कम आपूर्ति हो रही- कोवैक्सीन की आपूर्ति थोड़ी कम है, हालांकि आ तो रही है। वैसे कोवैक्सीन की डोज जिले में कम आई थी। अभी दूसरी डोज लगा रहे हैं। वंचित लोग लगवा सकते हैं। -डॉ. प्रीत मोहिन्दरसिंह, प्रभारी अधिकारी एवं बीसीएमएचओ बाड़मेर

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