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बॉर्डर पर जोर पकडऩे लगी है यह मांग, व्यू प्वाइंट बनाओ

सीमांत के मुनबाव में नाडाबेट (गुजरात) और बबलियान(जैसलमेर) की तरह ही बॉर्डर व्यू प्वाइंट बने और इससे आगे जाकर वाघा बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी हों तो यहां के बॉर्डर पर्यटन को पंख लग सकते है।

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बॉर्डर पर जोर पकडऩे लगी है यह मांग, व्यू प्वाइंट बनाओ

बॉर्डर पर जोर पकडऩे लगी है यह मांग, व्यू प्वाइंट बनाओ

बाड़मेर.
border सीमांत के मुनबाव में नाडाबेट (gujrat) और बबलियान(जैसलमेर) की तरह ही बॉर्डर व्यू प्वाइंट बने और इससे आगे जाकर वाघा बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी हों तो यहां के बॉर्डर पर्यटन को पंख लग सकते है। पर्यटन के साथ ही सीमा क्षेत्र के सम्मान के लिए भी यह जरूरी है। इसको लेकर बीएसएफ और प्रशासनिक अधिकारियों के व्यक्तिगत प्रयास इसको गति दे सकते है। पत्रिका के अभियान बाद अब आम लोगों और सीमा क्षेत्र से जुड़े लोगों का पक्ष है कि इस पर जल्दी कार्य होना चाहिए।


1965 और 1971 का युद्ध


यह बात बेहद जरूरी है कि 1965 और 1971 का युद्ध जिस जमीन पर लड़ा गया है,वहां शहीदों को गौरवान्वित करने के लिए स्थल होने चाहिए। युद्ध को लेकर जानकारी हमेशा रोमांचित करती है और 1971 का युद्ध तो भारत के लिए और रेगिस्तान के इसी सरजमीं के लिए गौरव रहा है। मुनाबाव में बॉर्डर व्यू प्वांइटन बनने से पश्चिमी सीमा पर पहुंचकर लोग यहां के युद्धकौशल व अदम्य साहस को समझेंगे।- रावत त्रिभुवनङ्क्षसह, संरक्षक थार के वीर

पर्यटन विकास
बॉर्डर व्यू प्वाइंट जैसलमेर और गुजरात में बनने के बाद अब बाड़मेर के मुनाबाव में भी प्वाइंट बनाने की जरूरत है। रेलवे के शहीद गडरारोड़ में हुए है। हमारे परिवार के लोगों ने शहादत दी है। रेलवे शहीदों से जुड़ा स्मारक भी इससे जोड़ा जाए। जैसलमेर के लोंगेवाला की तर्ज पर यह पूरा स्थल विकसित हों तो शहीद परिवारों को बड़ा सम्मान मिलेगा।- दीपक माली, सभापति नगपरिषद बाड़मेर

अंतरर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन


सीमावर्ती मुनाबाव में अंतरर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन, भारत-पाक रेलवे लाइन, गडरारोड का शहीद स्मारक, रोहिली के धोरे, हैण्डीक्राफ्ट और रातों रात गडरासिटी से बसा गडरारोड़ कस्बा है। बॉर्डर पर्यटन को लेकर यहां पर कार्य किया जाए तो आने वाले समय में पर्यटकों के लिए जैसलमेर, मुनाबाव, बाखासर और नाडाबेट सहित पूरा एक बैल्ट होगा जो भारतमाला से जुड़ जाएगा। यह पर्यटन विकास में मील का पत्थर साबित होगा। - पे्रमाराम भादू, बाड़मेर

बॉर्डर टूरिज्म

बॉर्डर टूरिज्म का एक नया अध्याय जुड़ा है जिसको देखने के लिए चाव से पर्यटक आते है। गुजरात और जैसलमेर में यह संख्या लगातार बढ़ रही है। बाड़मेर में इसके लिए जरूरी है कि अभी से प्रयास किए जाए। आने वाले समय में यहां बॉर्डर व्यू प्वाइंट बनता है तो टूरिज्म के साथ ही शहीदों के गौरव और यहां सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े सीमांत क्षेत्र के लोगों के गौरव का भी सम्मान होगा। - स्वरूपसिंह खारा, महामंत्री भाजपा


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