एेसा होने पर किसानों को यह पता चल जाएगा कि मिट्टी में कौनसे उर्वरक, रसायन व खाद की कमी है तथा पानी में लवणीयता की मात्रा क्या है। आगामी कुछ दिनों में यह वैन नियमित रूप से नमूने लेने गांवों तक पहुंचेगी। बाड़मेर जिले में दिनोंदिन बढ़ रहा खेती का विशेषकर सिंचित खेती का क्षेत्रफल सुखद संकेत है लेकिन किसानों को अपने खेत की मिट्टी व पानी की सही जानकारी नहीं होने पर उनको मेहनत के अनुरूप फायदा नहीं मिल रहा।
क्योंकि किसान को यह पता नहीं है कि उसके खेत में मिट्टी में कौनसे पौष्टिक तत्वों की कमी है, कौनसे उर्वरक देने की जरूरत है जिस कारण किसान को प्रति हैक्टेयर कम उत्पादन प्राप्त होता है। एेसे में अब मिट्टी की जांच को लेकर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से मोबाइल मृदा-पानी जांच वैन आरम्भ की गई है। यह वैन गांवों में जाकर खेतों के मिट्टी पानी के नमूने लेगी। वैन का संचालन कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी की ओर से किया जाएगा।
संगोष्ठी कर किसानों को देगी जानकारी- वैन में कृषि विभाग के विशेषज्ञ होंगे जो मिट्टी व पानी की जांच के साथ किसान संगोष्ठियां आयोजित कर किसानों को फसलों की बुवाई, बीमारियों के उपचार, अधिक उत्पादन को लेकर जानकारी देंगे।
जल्द शुरू करेंगे वैन- कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से मोबाइल वैन मिली है। यह वैन गांवों में जाकर मिट्टी पानी के नमूने लेगी। जल्द ही इसको शुरू किया जाएगा।– डॉ.़प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी