प्रचार-प्रसार का अभाव-सोशल मीडिया के युग में जहां हर बैँक ऋण चुकाने के लिए उपभोक्ताओं को मैसेज भेज देती है, वहां अल्पकालीन ऋण लेने वाले किसानों को अंतिम तिथि की जानकारी नहीं दी गई।किसानों ने बाड़मेर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अधीन संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों से सम्पर्क किया तो यहीं कहा गया कि अभी ऋण नहीं चुकाना है। ऐसे में किसान ऋण चुकाने से रह गए।
तिथि बढ़े तो मिटे चिंता बाड़मेर जिले के करीब डेढ़ लाख से अधिक किसानों से 510 करोड रुपए ऋण की वसूली नहीं हुई है। किसानों का कहना है कि सरकार को ऋण चुकाने की तिथि बढ़ानी चाहिए ताकि किसानों को 7% के हिसाब से लगने वाले ब्याज की छूट मिल सके। वहीं अगली खरीफ फसल को लेकर ऋण मिल सके।
लक्ष्य बढ़ा पर किसानों के खाते अवधिपार वर्ष 2021-22 में 1 लाख 45 हजार किसानों को 760 करोड रुपए का ऋण बांटा गया था। उसमें से मात्र 250 करोड रुपए की वसूली प्राप्त हुई जबकि 510 करोड रुपए का ऋण किसान नहीं चुका पाए वर्ष 2022-23 के लिए 2 लाख 10 हजार किसानों को 825 करोड़ का ऋण दिया जाएगा। लेकिन किसानों के खाते अवधिपार होने से ऋण लेने में परेशानी का सकती है।किसानों की पीड़ा समझे किसान- हमारे जिले में अकाल की िस्थति के चलते दो वक्त की रोटी का प्रबंध मुश्किल हो रहा है। ऐसे में ब्याज सहित ऋण कैसे चुका पाएंगे। जिले के जनप्रतिनिधियों व प्रशासन से अपील है कि किसानों की पीड़ा को समझे और सरकार तक बात पहुंचा राहत दिलवाएं।
– भानाराम कड़वासरा, किसान सिणधरी सरकार जल्द दे राहत- किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है। एक तो ब्याज भरना और अगली बार ऋण नहीं मिलने की चिंता। सरकार हर बार अवधि बढ़ाती है तो इस बार अकाल को देखते हुए जल्द ही अवधि बढ़ाए जिससे कि किसानों की चिंता कम हो सके।
– उम्मेदसिंह आराबा, प्रधान पंचायत समिति कल्याणपुर किसानों की समस्या जायज है जिसकी मैं पैरवी कर रहा हूं। मैंने मंत्रीजी को पत्र भेजकर समस्या से अवगत करवाते हुए ऋण जमा करवाने की तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि जल्द ही तिथि बढ़ा दी जाएगी।
– हरीश चौधरी, पूर्व राजस्वमंत्री व एवं बायतु विधायक