स्वामी विवेकानंद को अपना आध्यात्मिक गुरु बना भारत को अपनी कर्मभूमि बनाया। भगिनी निवेदिता ने भारतीय संस्कृति का देश-विदेश में प्रचार प्रसार किया। कोलकाता में आए प्लेग रोग के महामारी में उन्होंने खुद की जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की ।
दीपक डगला ,तनसिंह महाबार, स्वाति वासु, आरती गर्ग, लक्ष्मी, सुमन, घेवरसिंह महाबार, गणपतसिंह, ब्रजपालसिंह कोटड़ा , चिराग अग्रवाल , गौरवसिंह, दीपक चावला, शेराराम, राहुलकुमार भाडखा, महेन्द्रगिरी,नरपतसिंह खारची आदि ने भी भगिनी निवेदिता को श्रद्धासुमन अर्पित किए।