scriptBarmer News: ऐसा क्या हुआ कि आनन-फानन में बाड़मेर से 50 अपराधियों को लाया गया जोधपुर जेल | Security concerns after death in jail, 50 prisoners shifted from Barmer to Jodhpur | Patrika News
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Barmer News: ऐसा क्या हुआ कि आनन-फानन में बाड़मेर से 50 अपराधियों को लाया गया जोधपुर जेल

Barmer News: बाड़मेर जिला कारागृह में इन दिनों क्षमता से ज्यादा बंदी होने पर जेल प्रशासन के सामने व्यवस्थाओं को संभालना चुनौती बना हुआ है।

बाड़मेरOct 07, 2024 / 03:36 pm

Rakesh Mishra

Barmer Jail
Barmer News: जिला कारागृह बाड़मेर में अब क्षमता से ज्यादा बंदियों की संख्या जेल प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन गई है। क्योंकि पांच माह में दो बंदियों की मौत होने के बाद जेल प्रशासन को अब सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य की चिंता भी सता रही है। इन दिनों जेल में क्षमता से ज्यादा 67 बंदी ठूंस रखे थे। दो दिन पहले जमानत के दौरान एक बंदी की मौत होने के बाद हरकत में आए जेल प्रशासन ने 50 बंदियों को जोधपुर जेल में शिफ्ट कर लिया गया है। इसके बावजूद बाड़मेर जिला कारागृह में क्षमता से ज्यादा है। स्वास्थ्य को लेकर इतनी मुश्किलें बढ़ गई है कि हर दिन बीमार बंदियों को अस्पताल में जांच के लिए लाना पड़ रहा है।
बाड़मेर जिला कारागृह में इन दिनों क्षमता से ज्यादा बंदी होने पर जेल प्रशासन के सामने व्यवस्थाओं को संभालना चुनौती बना हुआ है। जेल में 5 बैरक है, जिसमें तीन पुराने और दो नए बैरक है। इसमें 158 बंदियों को रखने की क्षमता है। जबकि इन दिनों बाड़मेर जेल में 225 बंदी रखे जा रहे थे। ऐसे में क्षमता से ज्यादा 67 बंदी थे। इसमें सर्वाधिक हार्डकोर अपराधी हैं। यहां मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में ज्यादा आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आते हैं। इसके अलावा पुराने भारत-पाक बॉर्डर पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियां समेत हेरोइन तस्करी के मामलों के आरोपी भी बाड़मेर जेल में बंद है। ऐसी स्थिति हर वक्त बाड़मेर जेल की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को भय रहता है।

बैरक के लिए दो माह का और इंतजार

बाड़मेर जिला कारागृह में बैरक में क्षमता कम होने पर पूर्ववर्ती सरकार से 80 बंदियों के लिए दो बैरक की स्वीकृति मिली थी। जिसका काम एक साल पहले राजस्थान पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने शुरू किया था। इसके लिए 259 लाख रुपए का टेंडर था, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। हालांकि निर्माण करने वाली कंपनी का दावा है कि दिसंबर 2024 के अंत में बैरक जेल प्रशासन को हैंडओवर कर दिए जाएंगे। इसके बाद जेल प्रशासन को बड़ी राहत मिल सकती है।

दो साल में दो जेलर हो गए निलंबित

बाड़मेर जिला कारागृह क्षमता से ज्यादा बंदी या कुछ अन्य विवाद होते रहे है। यहां गत दो साल की अवधि पर नजर डालें तो दो जेलर निलंबित हो चुके है। पांच माह पहले एक बंदी की जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। इसके चलते सरकार पर दबाव बना तो जेलर जगदीश डूकिया को निलंबित कर दिया गया। इससे पहले पुलिस व प्रशासन की संयुक्त तलाशी में जेल में बंदियों के कब्जे से 5 मोबाइल व अन्य सामग्री बरामद हुई थी। उस वक्त जेलर रोहित कौशिक को निलंबित कर दिया था।
Barmer Central Jail

दो मौत के बाद जागे जिम्मेदार

  • 30 अप्रेल को हत्या के मामले में जिला कारागृह में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बंदी जयसिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। मामले में समाज के लोगों ने आक्रोश जताया। उस वक्त जेलर को निलंबित किया और चिकित्सक एपीओ हुआ था।
  • 4 अक्टूबर को हिरण प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बंदी भोमाराम की जमानत के बाद रिहा करने के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई। तत्काल उसे राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी मौत हो गई।
बाड़मेर जिला कारागृह में क्षमता से ज्यादा बंदी थे। ऐसी स्थिति में 50 बंदियों को जोधपुर जेल भेजा गया है। अब जेल में 175 बंदी है, यह भी क्षमता से तो ज्यादा हैं, लेकिन काफी राहत है। बैरक का निर्माण चल रहा है। दिसंबर माह में हैंडओवर किया जाएगा।

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