कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था न होने से चारों तरफ गंदगी और बदबू फैल रही है। जिस कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।कंपनियों की ओर से क्षेत्र में मनमर्जी से बिना जगह का निर्धारण किए कचरा डाला जा रहा है। श्रमिक कॉलोनियों की ओर से डाले गए इस कचरे को बेसहारा पशु खाकर काल का ग्रास भी बन रहे हें। नगर के सार्वजनिक श्मशान घाट के पीछे और अमरतिया तालाब, चिढानी तालाब सहित कई तालाबो के किनारे बंधा पर व कई स्थानों पर कूड़ा फेंका जा रहा है। जिससे वहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी परेशानी होती है।
रोजाना तीस से पांच टन कचरा
पचपदरा व मण्डापुरा सहित आसपास बसी लेबर कॉलोनियों में से रोजाना लगभग 5 से 7 टन कचरा निकलता है। दोनों पंचायत की आबादी लगभग 30 हजार और यहां 26 वार्ड है। साफ-सफाई के लिए लगभग पचपदरा पंचायत में कुछ सफाई कर्मी रोजाना सड़कों और गलियों की सफाई करते हैं। कूड़ा कचरा निस्तारण के लिए पचपदरा पंचायत में कोई स्थान चिंहित नहीं हुई होने तथा मण्डापुरा ग्राम पंचायत में 2 बीघा जमीन कचरा डंपिंग स्टेशन चिन्हित होने के बावजूद कंपनियों के सफाई कर्मचारी कचरे को रोड के किनारे फेंक देते हैं।
अनापत्ति प्रमाण पत्र का मामला
रिफाइनरी में कार्यरत कंपनियों द्वारा सफाई व कचरा डालने के लिए बालोतरा नगर परिषद की अनापत्ति प्रमाण पत्र पर मेसर्स को टेंडर जारी करते है । फरवरी को नगर परिषद आयुक्त ने प्रबंधक एचपीसीएल रिफाइनरी को नोटिस जारी कर नगर परिषद द्वारा वर्तमान में कोई भी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने व जो जारी किए थे उसको भी निरस्त कर देने का हवाला दिया। सवाल यह है कि जब नगर परिषद आयुक्त द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है तो मैसर्स नगर परिषद की सील लगे अनापत्ति प्रमाण पत्र कहां से ला रहे हैं।
बीमारियां फैल रही
रिफाइनरी में कार्यरत कंपनियों के अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बावजूद इनके द्वारा जगह-जगह कचरा डालने से गंदगी और बीमारियां फैल रही है। पशुधन भी मौत के शिकार हो रहे है। फिर भी प्रशासन द्वारा इन पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं हो रही है।
डालाराम प्रजापत,सरपंच मण्डापुरा
रोजाना तीस से पांच टन कचरा
पचपदरा व मण्डापुरा सहित आसपास बसी लेबर कॉलोनियों में से रोजाना लगभग 5 से 7 टन कचरा निकलता है। दोनों पंचायत की आबादी लगभग 30 हजार और यहां 26 वार्ड है। साफ-सफाई के लिए लगभग पचपदरा पंचायत में कुछ सफाई कर्मी रोजाना सड़कों और गलियों की सफाई करते हैं। कूड़ा कचरा निस्तारण के लिए पचपदरा पंचायत में कोई स्थान चिंहित नहीं हुई होने तथा मण्डापुरा ग्राम पंचायत में 2 बीघा जमीन कचरा डंपिंग स्टेशन चिन्हित होने के बावजूद कंपनियों के सफाई कर्मचारी कचरे को रोड के किनारे फेंक देते हैं।
अनापत्ति प्रमाण पत्र का मामला
रिफाइनरी में कार्यरत कंपनियों द्वारा सफाई व कचरा डालने के लिए बालोतरा नगर परिषद की अनापत्ति प्रमाण पत्र पर मेसर्स को टेंडर जारी करते है । फरवरी को नगर परिषद आयुक्त ने प्रबंधक एचपीसीएल रिफाइनरी को नोटिस जारी कर नगर परिषद द्वारा वर्तमान में कोई भी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने व जो जारी किए थे उसको भी निरस्त कर देने का हवाला दिया। सवाल यह है कि जब नगर परिषद आयुक्त द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है तो मैसर्स नगर परिषद की सील लगे अनापत्ति प्रमाण पत्र कहां से ला रहे हैं।
बीमारियां फैल रही
रिफाइनरी में कार्यरत कंपनियों के अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बावजूद इनके द्वारा जगह-जगह कचरा डालने से गंदगी और बीमारियां फैल रही है। पशुधन भी मौत के शिकार हो रहे है। फिर भी प्रशासन द्वारा इन पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं हो रही है।
डालाराम प्रजापत,सरपंच मण्डापुरा