बाड़मेर

Barmer Road Accident: हंसी-खुशी बहन से मिलकर घर लौट रहा था भाई, रास्ते में मिली ‘मौत’, परिवार में कोहराम

Road Accident: बहन ने भाई को खुशी-खुशी घर के लिए रवाना किया, लेकिन यह नहीं सोचा की यह आखिरी मुलाकात होगी।

बाड़मेरOct 30, 2024 / 12:08 pm

Rakesh Mishra

Road Accident: बाड़मेर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार सुबह हुए एक सड़क हादसे में तीन जनों की हुई मौत के समाचार से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। लोगों ने इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया। वहीं इस घटना से एक परिवार का चिराग बुझ गया तो दो परिवार अनाथ हो गए।
रो- रो के बिलख रहे परिजनों को ढांढस बंधवाना परिवार, रिश्तेदारों, ग्रामीणों के लिए मुश्किल हो गया। इन्हें बिलखता देख इनका भी कलेजा फट गए। इनकी आंखों में से भी आंसू फूट पड़े। राष्ट्रीय राजमार्ग के गांव कुड़ी से करीब आधा किलोमीटर जोधपुर की ओर बुधवार सुबह दर्दनाक हादसा हुआ। दीपावली त्यौहार की खुशियां गायब हो गई। इस हादसे के समाचार सुनकर लोग सन्न रह गए।

एक गांव के दोनों साथी बिछड़े

क्षेत्र के गांव रेवाड़ा निवासी हिमताराम पुत्र मोहन राम उम्र 40 वर्ष कमठा कारीगर है। मोहल्ले में ही रहने वाले राजूनाथ पुत्र जवाहर नाथ उम्र 35 वर्ष इसके साथ कमठा मजदूरी करता है। मंगलवार को दोनों ही साथी हर दिन की तरह कुड़ी में काम करने के लिए घर से रवाना हुए थे। इन्होंने व परिवार के सदस्यों ने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी। सड़क हादसे में दोनों की मौत के समाचार सुनकर ग्रामीण हतप्रभ रह गए। आसपास के गांवों में भी सन्नाटा पसर गया। लोगों ने बड़ा दुख जताया।

बहिन से मिलने आया भाई बिछड़ा, घरा का चिराग बुझ़ा

बड़ा गुड़ा जिला पाली निवासी अरविंद सिंह पुत्र मनोहर सिंह गांव रेवाड़ा में ब्याही बहन पूनम कंवर से मिलने सोमवार को आया था। दोनों भाई बहनों ने शाम को एक साथ खाना खाया। घर परिवार को लेकर खूब बातें की। बहन ने मंगलवार को भाई को खुशी-खुशी घर के लिए रवाना किया, लेकिन यह नहीं सोचा की यह आखिरी मुलाकात होगी। सड़क हादसे में अरविंद सिंह की मृत्यु होने से घर का चिराग बुझ गया। दोनों बहनें बेसुध हो गईं।

बूढ़ी मां की लाठी टूटी, पिता के प्यार से साया उठा

रेवाड़ा निवासी राजू नाथ पुत्र जवाहनाथ के एक बेटी और दो बेटे हैं। ललिता 14 वर्ष, जसनाथ 10 वर्ष और अमरनाथ 8 वर्ष। पूरे परिवार के भरण पोषण देखभाल की जिम्मेदारी इसके जिम्मे थी। इसके निधन से पूरे परिवार पर बड़ा संकट आ गया है। जवान बेटे की मृत्यु से बूढी मां की लाठी टूट गई तो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। पिता की मौत के समाचार सुन तीनों ही बिलख उठे। हिमताराम के एकलौता पुत्र प्रकाश की उम्र 17 वर्ष है। दीपावली नजदीक होने पर बाप व बेटे ने हंसी खुशी से मनाने को लेकर कई सपने संजोए थे। पूरे परिवार में उत्साह का माहौल था, लेकिन हादसे में पिता का निधन हो गया।
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