पांच साल में ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा जब प्रदेश में बलात्कार न हुआ हो: राजेंद्र राठौड़
सहानुभूति का चला जादू
मेवाराम जैन कांग्रेस से लगातार तीन बार जीते हुए है। उनकी मजबूती के दावे कांग्रेस करती रही। लेकिन प्रियंका को टिकट नहीं मिलने के बाद माहौल सहानुभूति में ऐसा बदला कि उनकी जीत के चर्चे सीधे ही हार के आंकलन पर आ गए।
वोट का अंतिम आंकड़ा
प्रियंका चौधरी बागी – 106948
मेवाराम जैन कांग्रेस – 93611
दीपक कड़वासरा भाजपा – 5355
सभी समाजों ने दिया साथ
प्रियंका के लिए जाट समाज ने एकता दिखाई इधर अन्य समाज के लोग भी सहानुभूति से जुड़ते हुए आगे आए और उन्होंने अपने वोट देने का मानस ऐन समय पर बदलते हुए जीत प्रियंका के नाम लिख दी।
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बागी हुईं पर खिलाफ नहीं
भाजपा से टिकट कटने के बावजूद भी प्रियंका भाजपा के खिलाफ नहीं हुई। उसने भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी यह कहते हुए टिकट अंत तक मांगी कि उसने बहुत मेहनत की है। चुनाव कैम्पेन में भी भाजपा के खिलाफ नहीं हुई। इस कारण भाजपा से जुड़े कुछ लोग भी खुलकर साथ रहे।