कॉलेज प्रबंधन को सीनियर मेडिकोज की ओर से जूनियर और फ्रेशर्स के साथ रैगिंग करने की शिकायतें लगातार मिल रही थी, लेकिन पुख्ता कुछ नहीं मिलने और किसी का नाम सामने नहीं आ रहा था। पीड़ित भी नाम बताने से हिचकिचा रहे थे। इस बीच कुछ पीड़ित स्टूडेंट्स की ओर से रैगिंग करने वाले छात्रों के नाम कमेटी सदस्यों के सोशल मीडिया ग्रुप में उजागर करने के बाद बैठक बुलाकर कार्रवाई को लेकर निर्णय लिया गया।
रैगिंग मामले में 8 को हॉस्टल से निकाला
कमेटी की बैठक में रैगिंग के मामले में दो सीनियर छात्रों को 2 महीने के लिए मेडिकल कॉलेज बाड़मेर के हॉस्टल से निष्कासित किया है। वहीं इससे पहले उनका पक्ष सुना गया और कमेटी ने उन्हें रैगिंग में शामिल होना बताया। कमेटी ने बताया कि उनके पास दोनों छात्रों की हरकतों के वीडियो और फोटो भी है, जो उनके खिलाफ सबूत हैं। वहीं पीड़ित छात्रों ने उनके नाम बताए हैं। इसके बाद भी दोनों छात्र अपनी बात पर अड़े रहे कि उन्होंने रैगिंग नहीं की। इस पर कमेटी ने निर्णय लेते हुए दोनों को दो महीनों के लिए हॉस्टल से निकाल दिया। इस तरह रैगिंग करने के दूसरे मामले में 6 मेडिकोज को 15 दिनों के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया है। इन छात्रों ने भी रैगिंग के आरोप नकार दिए। इस मामले में भी पीड़ित छात्रों ने सभी छह सीनियर छात्रों के नाम कमेटी को लिखकर दिए थे।
यह भी पढ़ें