रिफाइनरी का निर्माण मार्च 2025 में होने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए पूर्व में एक लाख करोड़ के निवेश को अब 35000 करोड़ बढ़ाया जाएगा। इससे प्रदेश और केन्द्र का तेल से राजस्व चार गुणा से भी अधिक बढ़ जाएगा।बाड़मेर से तेल का उत्पादन इन दिनों 70 हजार बैरल प्रतिदिन की आसपास ही हो रहा है। कोरानाकाल के बाद लगातार तेल उत्पादन घट रहा है। कोरोनाकाल में एक लाख बैरल प्रतिदिन था, जिसे विशेष परिस्थिति में दस प्रतिशत कम किया था, लेकिन इसके बाद भी 2019 से 2024 तक यह उत्पादन बढ़ने की बजाए घटा है।
यों होगा खजाना लबालब
तेल उत्पादन 90 हजार से एक लाख बैरल प्रतिदिन होने की स्थिति में प्रदेश को 3000 करोड़ रुपए सालाना और केन्द्र को 70 हजार करोड़ रुपए सालाना राजस्व मिल रहा है। उत्पादन 3 लाख बैरल पहुंचते ही राज्य के हिस्से फिर 9000 करोड़ सालाना
बाड़मेर के तेल से आने की स्थिति बन जाएगी और केन्द्र को भी 2 लाख करोड़ के करीब मिल जाएंगे।
रिकवरी रेट बढ़ाने का प्रयास
तेल कंपनी लगातार तेल की रिकवरी रेट बढ़ाने का प्रयास कर रही है। 25 प्रतिशत रिकवरी को टाइट ऑयल निकालने की नई तकनीक के साथ 40 प्रतिशत तक पहुंचा दिया गया है। इधर, नए 10 ब्लॉक में भी लगातार प्रयास जारी है। मंगला जैसी बड़ी खोज मिलने की उम्मीद है। इस पर करीब एक लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो रहा है।
कंपनी का बड़ा वादा
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में इस बार पेेट्रोलियम, तेल, ऊर्जा, कोयला पर केन्द्रित है। तेल उत्पादन को 3 लाख बैरल प्रतिदिन करने का वादा पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ यूके में आयोजित राइजिंग राजस्थान शो में वेदांता समूह के चेयरपर्सन अनिल अग्रवाल ने किया है। इसमें टाइट ऑयल रिकवरी, शैल गैस पर कार्य होगा।