प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की क्रमोन्नति को लेकर संशोधन किया गया है। पूर्व में उच्च प्राथमिक विद्यालय पहले माध्यमिक में क्रमोन्नत होते थे जिसके बाद माध्यमिक स्कूल उच्च माध्यमिक बनते थे। इस प्रक्रिया में कम से कम तीन साल और इससे अधिक का समय भी लग जाता था। इसमें तय था कि सामान्य क्षेत्र में आठवीं कक्षा में तीस छात्र , बीस छात्राएं होने व पांच किमी की परिधि में माध्यमिक विद्यालय नहीं होने पर स्कूल क्रमोन्नत किए जाते थे। स्कूल में छात्र संख्या 2500 व छात्रा संख्या 300 होनी चाहिए। वहीं, रेगिस्तानी, पहाड़ी, नाली-नाले, मेवात व आदिवासी इलाकों में आठवीं में बीस-बीस छात्र-छात्रा व कुल विद्यार्थी क्रमश: दो हजार व पच्चीस सौ होने पर माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नति का नियम था।
अब नियम में बदलाव का मिलेगा फायदा- अब सरकार ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत करने को लेकर नियम संशोधन किया है। इसके तहत सामान्य क्षेत्र में आठवीं कक्षा में तीस छात्र या बीस छात्राएं होने व कुल विद्यार्थी संख्या क्रमश: पन्द्रह व दो हजार होने पर विद्यालय को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया जाएगा। वहीं क्रमोन्नत स्कूल के परिधि क्षेत्र में पांच किमी तक माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल नहीं होने व फीडर क्षेत्र में कम से कम एक उच्च प्राथमिक स्कूल होने पर क्रमोन्नत किया जाएगा। रेगिस्तानी, पहाड़ी, नदी-नाला क्षेत्र, मेवाती व आदिवासी इलाके में छात्र-छात्रा संख्या आठवीं कक्षा में बीस-बीस व कुल छात्र क्रमश: हजार व पन्द्रह सौ होने व तीन किमी परिधि में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल नहीं होने पर क्रमोन्नति होगी। परिधि क्षेत्र में कम से कम एक स्कूल उच्च प्राथमिक होना जरूरी रहेगा।
डेढ़ सौ स्कूलों को मिलेग फायदा जिले में इस नियम से पचास ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आठवीं स्कूल सीधे बारहवीं में क्रमोन्नत हो सकते हैं। वहीं सौ माध्यमिक स्कूल बारहवीं तक क्रमोन्नत होंगे। हालांकि दसवीं के कई स्कूल हाल ही में क्रमोन्नत हो सकते हैं।
संशोधित नियम के अनुसार विद्यालयों की क्रमोन्नति होगी। सरकार की ओर से आवेदन मांगे जाने पर इसी अनुरूप कार्य किया जाएगा। – राजन शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बाड़मेर