प्रदेश की बजट 2021 की घोषणा के तहत मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से आठवीं तक अध्ययनरत करीब 70 लाख बच्चों को दो यूनिफॉर्म निशुल्क देने की घोषणा की थी। इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने को लेकर सरकार ने पहले यूनिफाॅर्म बना कर बच्चों को देने का ऐलान किया लेकिन राशि कम होने की िस्थति में किसी भी फर्म ने रुचि नहीं दिखाई। इस पर सरकार ने दुबारा संशोधन किया और सिलाई राशि बच्चों के बैंक खाते में डालने के निर्देश दिए। अब निर्णय किया कि दो यूनिफॉर्म के लिए कम्पनी को 540 रुपए सरकारी देगी और कम्पनी बच्चों को कपड़ा उपलब्ध करवाएगी।
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डे्रस का बदला कलर- पहले सरकार ने डेस का रंग नीला रखा था जिसे बदल कर धूसर कलर हल्का भूरा कर दिया। अब लड़कों को धूसर कलर के पेंट-शर्ट व बालिकाओं को सलवार-कुर्ता बना कर देना है, बालिकाओं के लिए चुन्नी भी दी जाएगी। इस संशोधन के चक्कर में 2021 का शिक्षा सत्र बीत गया। अब 2022 का शिक्षा सत्र भी आधे से ज्यादा बीत गया और अभी तक डे्र नहीं पहुंची हैं।
सिलाई राशि भी बढ़ाई- पूर्व में जहां सिलाई के लिए सरकार ने 140 रुपए तय किए थे जिसे अब बढ़ाकर दो सौ रुपए कर दिया है। बावजूद इसके बाजार भाव के अनुसार राशि कम है। क्योंकि बाजार में एक डे्र की सिलाई भी चार सौ रुपए से कम नहीं है।
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अलग-अलग यूनिफाॅर्म पहन कर आ रहे बच्चे- सरकार के तय यूनिफाॅर्म उपलब्ध नहीं करवाने पर बच्चे मन माफिक यूनिफाॅर्म पहनकर स्कूल आ रहे हैं। विशेषकर जब स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस समारोह में ऐसी िस्थति होती है तो अटपटा भी लगता है।
यूनिफॉर्म उपलब्ध हो- अब तो दो सत्र हो रहे हैं, सरकार जल्द ही यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाए। सिलाई राशि भी काफी कम है। दो डे्रस की सिलाई इससे होना संभव नहीं है।- बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा बाड़मेर