उन्होंने कृषि बागवानी विशेषज्ञों से समय समय पर संवाद चर्चा कर निर्यात क्वालिटी के अनार उत्पादन वृद्धि के लिए सुझाव लेने की बात कही जिससे उत्पादित अनार की अच्छी कीमत मिलने से कृषक आर्थिक रूप से सक्षम हो सके। डॉ चौधरी ने किसानों के लिए फसल उत्पादन लागत में कमी कर उत्पादित फसल को उचित मूल्य पर बेचने के लिए सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत करवाते हुए लाभान्वित होने का आह्वान किया। उन्होंने शिव किसान प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के कस्टम हायरिंग सेंटर का फीता काटकर उद्घाटन किया।
कृषि विज्ञान केंद्र गुड़ामालानी के डॉ हरि दयाल चौधरी ने अनार में ट्रेनिंग – प्रूनिंग , रेस्ट पीरियड , पौधों के रख रखाव, फूल कम आने , फूलों के गिरने तथा फल सेट कम होने में आ रही समस्याओें व उनके निराकरण एवं अनार में समन्वित कीट , रोग व उर्वरक प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पौधे पर 100 -150 फलों की संख्या रखें जिससे फलों का वजन व आकार बढ़े।
डॉ. कमलेश चौधरी ने बताया कि अनार के फलों में बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं, अतः: सभी बच्चों, महिलाओं व पुरुषों को अनार का सेवन करना चाहिए , जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो सके। कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नगाराम ने कम्पनी के कस्टम हायर सेंटर पर उपलब्ध यंत्रों की जानकारी देते हुए बताया कि कृषक सदस्यों को इस सेन्टर से आधुनिक कृषि यंत्र न्यूनतम मूल्य पर दिए जाएंगे। कार्यक्रम में कम्पनी निदेशक आसू सिंह, झमकू देवी, पार्वती राजपुरोहित, परमेश्वरी चौधरी, गजरो, कृषक समूह के अध्यक्ष हनुमान राम बुड़ीवाड़ा , देवाराम जागसा आदि ने भाग लिया।
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