बाड़मेर

मॉक-ड्रिल : ट्रेन हादसे में एक-दूसरे पर चढ़े कोच, यात्रियों की जान पर आफत, रैस्क्यू कर निकाला

ट्रेन के डिरेल होने की इमरजेंसी कॉल से अफरा-तफरी मच गई। हादसे में एक डिब्बे पर दूसरा डिब्बा चढ़ जाने और यात्रियों के घायल होने की सूचना पहुंचते ही रेलवे के अधिकारी और रेस्पोंस टीमों के अलावा रिलीफ ट्रेन व बचाव दल मौके पर पहुंचा

बाड़मेरOct 22, 2024 / 09:42 pm

Mahendra Trivedi

बाड़मेर में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बाद अचानक से ट्रेन के डिरेल होने की इमरजेंसी कॉल से अफरा-तफरी मच गई। हादसे में एक डिब्बे पर दूसरा डिब्बा चढ़ जाने और यात्रियों के घायल होने की सूचना पहुंचते ही रेलवे के अधिकारी और रेस्पोंस टीमों के अलावा रिलीफ ट्रेन व बचाव दल मौके पर पहुंचा। यह वास्तविक हादसा नहीं होकर मॉक ड्रिल किया गया था, जो अचानक होने वाले हादसे के वक्त कैसे निपटा जाए इसके लिए अभ्यास किया गया।

मॉक के लिए पूर्व में खास व्यवस्थाएं

रेलवे की ओर से हादसे के मॉक के लिए पूर्व में खास व्यवस्थाएं की गई। लोको पायलट ने हादसे की सूचना रेलवे कंट्रोल रूम जोधपुर में देते ही संबंधित स्टेशन मास्टर के अलावा जिला प्रशासन सहित अन्य विभागों को जानकारी भेज दी गई।

बाड़मेर-मुनाबाव पैसेंजर ट्रेन डिरेल

बाड़मेर-मुनाबाव पैसेंजर के हादसे की सूचना पहुंचते ही रिलीफ ट्रेन से बचाव दल मौके पर पहुंचा। अन्य रेस्पोंस टीम भी सहायता के लिए मौके पर पहुंची और यात्रियों को अस्पताल पहुंचाने के अभ्यास में शामिल हुई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बचाव दलों ने डमी यात्रियों को बचाने का रैस्क्यू पूरा किया। अभ्यास में कुल 300 से अधिक जवान और अधिकारी शामिल हुए। कुल 20 टीमें मॉक में शामिल हुई।

क्रेन से कोच एक-दूसरे पर चढ़ाए

बाड़मेर से करीब 500 मीटर दूर हादसे को दिखाने के लिए सेटअप तैयार किया गया। कोच एक दूसरे पर क्रेन की मदद से चढ़ाए गए। जिससे ऐसा लगे कि भीषण रेल हादसा हुआ है। इसके बाद ऊंचाई में कोच में फंसे यात्रियों का रैस्क्यू किया। खिड़कियां काटकर और रोप-वे बनाकर यात्रियों को निकाला गया। मॉक के दौरान बाड़मेर के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।

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