Mahatma Gandhi School in Rajasthan: दिलीप दवे बाड़मेर. थार में महात्मागांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल बच्चों को छोड़ो खुद शिक्षकों भी रास नहीं आ रहे हैं। अभी इन विद्यालयों में शिक्षकों को आए मुश्किल से एक-दो साल भी नहीं हुए हैं और उन्होंने वापिस हिंदी माध्यम के विद्यालयों में जाने के लिए आवेदन कर दिए हैं। स्थिति यह है कि कुछ विद्यालयों में तो आधे से ज्यादा शिक्षक हिंदी माध्यम के सरकारी विद्यालयों में जाने के आवेदन कर चुके हैं। जिले में अब तक 95 शिक्षकों ने हिंदी माध्यम में जाने की इच्छा जताई है तो एक प्रधानाचार्य भी अब हिंदी माध्यम के विद्यालय में जाना चाहते हैं।
प्रदेश सरकार ने गांवों में अंग्रेजी माध्यम को बढ़ावा देने के लिए 2019 से महात्मागांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले। पहले सरकार ने जिला स्तर पर इनकी स्थापना की और बाद में ब्लॉक स्तर पर। इसके बाद सरकार ने थोक के भाव अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले। इसके चलते जिले में वर्तमान में 95 अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षक व्यवस्था को लेकर सरकार ने हिंदी माध्यम से शिक्षकों को साक्षात्कार के आधार पर लगाया। हालांकि सरकार ने अलग कैडर बना कर भर्ती की घोषणा कर रखी है लेकिन वर्तमान में हिंदी माध्यम से ही साक्षात्कार से आए शिक्षक इन विद्यालयों में पढ़ाई करवा रहे हैं। अब इन शिक्षकों में से जिले में अब तक 95 शिक्षकों ने वापिस हिंदी माध्यम में जाने के लिए आवेदन कर दिया है।
स्कूल हो जाएंगे खाली
जिस हिसाब से जिले में अध्यापकों के आवेदन हिंदी माध्यम के लिए आ रहे हैं उससे लग रहा है कि कई अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में तो शिक्षकों की कमी हो जाएगी। हालांकि सरकार वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर साक्षात्कार करेगी लेकिन लम्बी प्रक्रिया होने पर पद रिक्तता की समस्या आ सकती है।
अलग कैडर बना भर्ती की जाए- हिंदी माध्मय से अंग्रेजी में शिक्षकों को लगाने से यह समस्या आ रही है। सरकार अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के लिए अलग से कैडर बना कर भर्ती करे। इससे विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे जिसका फायदा विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मिलेगा। – घमंडाराम कड़वासरा, जिलाध्यक्ष राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ बाड़मेर
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