कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण
इस सीट पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं। मतदान के दौरान कई जगहों पर झड़पें हुईं, फर्जी मतदन की शिकायतें मिली थीं। एक बूथ पर पुनर्मतदान कराया। मतगणना के दौरान बड़ी तादाद में प्रत्याशियों के समर्थकों के बाड़मेर पहुंचने की संभावना है। पुलिस के लिए मतगणना के दौरान व परिणाम के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसे में बाड़मेर पुलिस अधीक्षक ने मतगणना के लिए पुलिस के अतिरिक्त फोर्स की जरूरत जताई।पिछली बार जीते थे कैलाश चौधरी
बता दें कि पिछली बार टक्कर भाजपा के कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) और कांग्रेस के मानवेन्द्र सिंह में थी। जातिगत समीकरण राजपूत और जाट का था। कैलाश चौधरी जीते थे, लेकिन इस बार भाजपा ने कैलाश चौधरी को रिपीट किया व कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल को टिकट देकर जातिगत समीकरण बदल दिए। इसी कारण निर्दलीय रविन्द्र सिंह भाटी ने राजपूत समाज का होने के नाते बड़ी सेंध लगाई है। इसीलिए नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं।2019 73.30
2024 74.25
अंतर – 0.95 प्रतिशत बढ़ा