जसवंतसिंह के निधन ने बाड़मेर में शोक की लहर छा गई है। उनके पेतृक गांव जसोल में लोगों ने प्रतिष्ठान बंद किए है तो उनके निकटतम रहे लोग जोधपुर पहुंच रहे है। जहां उनका अंतिम संस्कार जोधपुर स्थित फार्म हाऊस में होगा।
जसवंत को बाड़मेर याद करेगा
बाड़मेर से पाकिस्तान के लिए वर्ष 2006 में थार एक्सप्रेस का संचालन के लिए जसवंतङ्क्षसह को विशेष याद किया जाएगा। उन्होंने दोनों देशों में पाक विस्थापितों के रिश्तों को जोडऩे के लिए यह रेल प्रारंभ की। बाड़मेर से मालाणी एक्सप्रेस का संचालन करवाकर ब्रॉडगेज से जोडऩे का कार्य भी उनके कार्यकाल में हुआ।
2014 के चुनावों के बाद दिल्ली अपने अवास पर फर्श में गिरने से उनको चोट ल गई और इसके बाद वे कोमा में चले गए। करीब छह साल से कोमा में चल रहे जसवंतसिंह की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। पिछले करीब दो माह से उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने से अस्पताल में ही निरंतर उपचार करवाया जा रहा था।
जसवंतसिंह का जन्म बाड़मेर जिले के जसोल गांव में 3 जनवरी 1938 को हुआ था। जसवंतसिंह ने सेना में सेवाएं दी और इसके बाद वे राजनीति में आ गए। वर्ष 1996 की वाजपेयी सरकार में वे वित्तमंत्री रहे। इसके बाद 1998 से 2002 तक विदेश मंत्री बनाए गए। वर्ष 2002 से 2004 तक पुन: वित्तमंत्री रहे।