बाड़मेर

अपने अपराध के संबंध में आत्मावलोकन कर पुनरावृत्ति नहीं होने का करें प्रयास- मुनि

– जिला कारागृह में आत्मवलोकन से आजादी की ओर कार्यक्रम

बाड़मेरAug 15, 2021 / 12:12 am

Dilip dave

अपने अपराध के संबंध में आत्मावलोकन कर पुनरावृत्ति नहीं होने का करें प्रयास- मुनि

बाड़मेर. जेल में निरूद्ध बंदी अपने अपराध के संबंध में आत्मावलोकन कर जो गलती हुई है,आगे उसकी पुनरावृत्ति न हो, इसका प्रयास करें। जीवन में अपराध और नशामुक्ति का संकल्प लेकर अपना भविष्य स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने की ओर अग्रसर हो। यह बात मुनि स्वस्तिककुमार ने लायंस क्लब बाड़मेर एवं अणुव्रत समिति बाड़मेर के संयुक्त तत्वाचधान मे जिला कारागृह बाड़मेर मे आजादी की पूर्व संध्या पर आत्मवलोकन से आजादी की ओर कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि आत्मवलोकन से हमें अपनी गलतियों से सीखने और किए गए कार्य को और बेहतर ढंग से करने का मौका मिलता है। व्यक्ति जितना बाहर से सीखता है उससे कहीं अधिक वह अपने स्वाध्याय, आत्म अवलोकन तथा आत्म चिंतन से सीख सकता है। आत्मवलोकन से शांत भाव से बैठकर समस्या के बारे मे चिंतन करने पर हमे उसके गुण दोष समझ मे आते है हमारे ऊपर मानसिक दबाव न होने के कारण भावनातम्क और बौद्धिक क्षमता दोनों का विकास होता है।
मुनि पाश्र्वकुमार ने बौद्धिक क्षमता के बारे में बताते हुए कहा कि हमें अपने विचारों को शुद्ध एवं परिष्कृत रखना चाहिए। हमारे भावों में एक दूसरे के प्रति समानता होनी चाहिए। जिस तरह से आज हमारे देश में युवाओं का नशे की तरफ रूझान बढ़ रहा है, वह वाकई बहुत गंभीर चिंता का विषय है। वह युवा जिसे हम अपने देश की शक्ति मानते हैं, जिसे हम अपने देश का उज्ज्वल भविष्य मानते हैं, उसे आज नशे के कीड़े ने ऐसा जकड़ लिया है, जैसे शिकारी अपने शिकार को जकड़ता है। यह कीड़ा ऐसा होता है जो व्यक्ति को उसकी मौत के बाद ही छोड़ता है इसलिए हमें आज से ही इस नशे को छोड़ देना है और अपने एक खुशहाल जीवन एवं भविष्य के लिए एक कदम बढ़ाना है।
नशे से एक इंसान नहीं, बल्कि पूरा का पूरा परिवार खत्म हो जाता हैं। नशा एक अभिशाप है।लायंस क्लब बाड़मेर अध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम आत्मअवलोकन करके अपने सद्गुणों को विकसित करें। जेल उपाधीक्षक जेलर राजेश डऊकिया ने कहा कि हर एक महीने में इस तरह का कार्यक्रम होना चाहिए।
आपने जो कहा है, उसको हम सभी अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करेंगे। कार्यक्रम के पश्चात जेल परिसर में पौधरोपण किया गया। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष जितेंद्र बाठिया ने धन्यवाद ज्ञापित किय। संचालन सचिव संजय संकलेचा ने किया। गणपत भंसाली ,अशोक डागा, मनोज आचार्य,गौतम बोथरा, रुपेश मालाणी, कृष्ण उमंग, कैलाश संकलेचा,हंसराज संखलेचा, पुखराज बोकडिय़ा उपस्थित रहे। मुनि ने बंदियों को अपराध औऱ नशा छोडऩे का संकल्प दिलाया।

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