तनोट माता के चमत्कार का किया जिक्र
शास्त्री ने राजस्थान की वीर धरा पर बोलते हुए कहा कि यहां तो महाराणा प्रताप जैसे वीर पुरुष हुए हैं और चेतक जैसे उनके स्वाभिमानी घोड़े हुए हैं। यहां के कंकड़ कंकड़ में भक्ति है और यहां तनोट माता जैसी शक्ति भी स्थित है। तनोट माता की कृपा से यहां की भूमि पर पाकिस्तान ने जो गोला बारूद फेंके उनमें से एक भी नहीं फटा, उल्टा आज भी उन गोला बारूद को संभाल कर बैठे हैं। यहां की भक्ति में मीराबाई का अविस्मरणीय योगदान है।
फिर बाड़मेर आने का किया वादा
बागेश्वर पीठाधीश्वर ने कहा कि आज मैं केवल सनातन धर्म की बात करने आया हूं। आज मैं किसी प्रकार की अर्जी नहीं लूंगा लेकिन बाड़मेर के लोग मेरी तीन बातें मानेंगे तो मैं अवश्य आऊंगा और पूरे सात दिन के लिए यहां कार्यक्रम करूंगा। साथ की दो दिन का दिव्य दरबार भी लगाऊंगा, जिसमें सब की अर्जी लूंगा। मैं जिन तीन बातों की बात कर रहा हूं उनमें पहली बात है आज से मेरे चक्कर में मत पड़ना, चक्कर में पड़ना तो केवल बालाजी महाराज के चक्कर में पड़ना। इसके अलावा आप मोबाइल और टीवी संस्कृति के चक्कर में नहीं पड़े, सेल्फी के चक्कर में नहीं पड़े और लहसुन, प्याज, मांस,मदिरा को छोड़े तथा महीने अथवा दो महीने में एक बार बागेश्वर बालाजी के दर्शन कर अपनी पेशी जरूर दें।
जात-पात को छोड़ समरस समाज बने
हिंदुओं से आह्वान करते हुए कहा की सभी हिंदू अपने घर पर भगवा झंडा तथा अपने मस्तिष्क पर टीका जरूर लगावे। सबसे बड़ी बात जात-पात छोड़ें और छुआछूत को दूर भगाकर हम सब हिंदू एक हैं इस भाव से हम जिए। मंदिर अवश्य जाएं, धर्म विरोधियों को पता चलना चाहिए कि हिंदू किसी से कम नहीं है। मैं आह्वान करता हूं कि विरोधियों आप चाहे लाख गहने पहन लो लेकिन राम भक्तों जैसे तेवर आप कहां से लाओगे। हिंदुओं आपको किसी भी तांत्रिक के पास जाने की जरूरत नहीं है।
बच्चे को बुलाकर दुलारा
बागेश्वर पीठाधीश्वर ने पंडाल में बैठे एक बच्चे को बुलाया जो हाथ में तस्वीर लिए बार-बार हिला रहा था। जैसे ही महाराज की नजर उसे पर पड़ी तो तत्काल उसे मंच पर बुलाया और उससे वह तस्वीर ली और दुलार दिया। बच्चा धोरीमना निवासी शुभम था। इसी तरह पंडाल में से ही जब एक महिला बार-बार ध्वज को लहरा रही थी और बाबा जी से मिलने की दरख्वास्त लग रही थी तो बाबा जी ने उसे भी अपने पास बुलाया और उसकी बात को सुना। महिला ने बताया कि वह इससे पूर्व दो बार बागेश्वर धाम जा चुकी है लेकिन उनके बाबा से मिलना नहीं हो पाया, आज बाड़मेर में मिलकर वह धन्य हो गई। बाबा ने उसे हाथ में राखी बंधवाई तथा महिला से मिठाई भी ली।
सामूहिक अर्जी लगाई
व्यक्तिगत अर्जियां नहीं लेकर पूरे पंडाल को एक सूत्र में बांधकर सामूहिक अर्जी लगाई और बाड़मेर की दिव्य धारा के कल्याण की प्रार्थना की । इससे पूर्व भजन गायक प्रकाश माली बालोतरा ने भी सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी। इसके अलावा मंगल बालाजी परिवार, बजरंग सत्संग समिति एवं मारुति नंदन सुंदरकांड परिवार की ओर से संयुक्त रूप से अखंड हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष ताराचंद चौपड़ा ने आभार ज्ञापित किया। मंच संचालन जिला सह मंत्री खेमीचंद सोलंकी ने किया।
संतों ने दिया आशीर्वचन
कार्यक्रम में तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी महाराज, गंगागिरी मठ बाड़मेर के महंत खुशालगिरी महाराज, जयसिंधर मठ के महंत प्रवीण पुरी महाराज, वात्सल्य सेवा केंद्र की साध्वी सत्यसिद्धा आदि ने आशीर्वचन दिया। वहीं कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्य मंत्री केके बिश्नोई, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक मनोहरलाल बंसल, विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री पवन वैष्णव, जिला मंत्री स्वरूप सिंह भदरू, जिला उपाध्यक्ष किशोर भार्गव, जिला समरसता प्रमुख पृथ्वीसिंह भियाड़ सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में बजरंग दल, मातृ शक्ति, दुर्गा वाहिनी एवं अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।