बाड़मेर रिफाइनरी गहलोत का सबसे बड़ा सपना है। अकाल का समाधान बखूबी करने के लिए गहलोत जाने जाते हैं और इस बार भी पशुपालक और किसान अकाल से जंग लड़ रहे हैं। वहीं रामसर का सोनिया चैनल गहलोत की ही देन है
जो दुर्दशा के आंसू बहा रहा है। रिफाइनरी- थार में अथाह तेल भण्डार मिलने के बाद 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहसिंह ने यहां तेल उत्पादन की शुरूआत की। तब रिफाइनरी बाड़मेर में लगने की बात हुई और 2013 के चुनाव से पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को बुला पचपदरा के पास सांभरा में रिफाइनरी का शुभारंभ करवाया।
2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार आई तो कांगे्रस के एमओयू को गलत बताते हुए नया एमओयू कर 16 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कार्य शुभारंभ करवाया। गहलोत ने इस पर भी कहा कि भाजपा ने काम को चार साल लटका दिया। अब अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद रिफाइनरी को लेकर थार की उम्मीदें बलवती हुई हैं।
अकाल प्रबंधन- क्षेत्र में अकाल से हाल खराब हैं। जिले के 2,196 गांवों में अकाल है। 1998 से 2003 तक के गहलोत के कार्यकाल में अकाल राहत कार्य अक्टूबर माह में ही प्रारंभ करने का रेकार्ड रहा है। एेसे में पिछले तीन साल से अकाल से जूझ रहे जिले के गांवों के लिए अकाल राहत की उम्मीद भी जगी है।
सोनिया चैनल- 2004 में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाड़मेर दौरे के वक्त रामसर कस्बे में सोनिया चैनल की परिकल्पना हुई। वाटर हार्वेस्टिंग के देश के अनुपम उदाहरण में से एक है।
रेगिस्तान में पहाडि़यों के रास्ते बने एक चैनल से तालाब तक बरसात के पानी को लाकर और यहां बनी बेरियां रिचार्ज कर आसपास के 65 गांवों में सालभर के लिए पानी का प्रबंध हुआ।
यह भी अशोक गहलोत के कार्यकाल में हुआ जो अब दुर्दशा का शिकार है।