महकाना चाहते हैं पूरा जहां, कोरोना ने रोक दी फूलों की ‘ खुशबू ‘
-सावन में बम्पर होती थी बिक्री, इस बार बहुत कम-फूलों के लगे हैं ढेर, खरीददार का इंतजार-कोविड के बाद से 50 फीसदी तक की गिरावट
महकाना चाहते हैं पूरा जहां, कोरोना ने रोक दी फूलों की ‘ खुशबू ‘
बाड़मेर. सावन में फूलों की बहार हर तरफ नजर आती रही है, मंदिर फूलों की खुशबू से महक उठते और सजावट की झालरें मन मोह लेती। लेकिन कोरोना महामारी ने फूलों की महक पर मानो ताला लगा दिया है। सावन के महीने में फूलों की बम्पर बिक्री अब नहीं होती है। जबकि कोविड महामारी से पहले सावन माह में बिक्री परवान पर रहती थी। ऑर्डर तक पूरे नहीं हो पाते थे। पिछले दो सावन हो गए हैं और बिक्री का ग्राफ 50 फीसदी तक नीचे आ गया है।
कोरोना से कोई भी अछूता नहीं रहा, फूलों की खुशबू को भी कोविड ने ‘कैदÓ कर दिया। अपनी महक से मन मोह लेने वाले पुष्पों को भी अब खरीददार की तलाश है। लेकिन वह अब बहुत ही कम है। जबकि कभी कतार लगी रहती थी और लोगों को पंसद के फूल नहीं मिल पाते थे। अब फूलों के ढेर लगे हैं और हर तरह के पुष्प मिल रहे हैं, लेकिन खरीदने वाले कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
सावन में रोज पुष्प ले जाने वाले अब ज्यादा नहीं
कोरोना महामारी से पहले सावन महीने में शिव मंदिरों में नियमित दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु पुष्प-माला लेकर जाते थे। लेकिन अब कोरोना की मार के कारण हर कोई प्रभावित हुआ है और इसके चलते बिक्री पर असर पड़ा है। अब लोग नियमित रूप से पुष्प नहीं ले जा पाते हैं, सोमवार के दिन जरूर माला आदि ले जाते हैं।
नियमित फूल खरीदने वालों में भी कमी
पुष्प विक्रेता से कई लोग नियमित रूप से रोजाना फूल खरीदते हैं। लेकिन महामारी का असर यह हुआ कि अब रोजाना पुष्प लेने वालों की संख्या भी कम होती जा रही है। हालांकि कई लोग खरीदने भी आते हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए बजट कम कर दिया है। पुष्प विक्रेता बताते हैं कि जो लोग 50 रुपए के पुष्प खरीदते थे अब 10-20 तक कर दिया है।
मंदिरों में सजावट भी अब ज्यादा नहीं
पहले मंदिरों में ताजा फूलों की सजावट खूब होती थी। लेकिन महामारी के कारण फूलों से भी परहेज रखने की जरूरतों ने अब ऐसी सजावट को भी कम कर दिया है। लोग चाहते हैं कि मंदिरों में फूलों की झालर लगाएं लेकिन ऐसा नहीं कर पाते है। इसके चलते पुष्प की बिक्री प्रभावित हुई है।
बड़े ऑर्डर नहीं, फुटकर बिक्री
कोविड के बाद से ही बड़े ऑर्डर नहीं है। शादियों के कार्यक्रम छोटे स्तर हो रहे हैं और बड़े आयोजनों में ज्यादा लोगों को नहीं बुला सकते हैं। इसके कारण फूल-मालाओं के बड़े ऑर्डर पर पूरी तरह से ब्रेक ही लगा हुआ है। अब तो फुटकर बिक्री पर ही काम चल रहा है।
सावन में भी बिक्री काफी कम
फूलों की बिक्री सावन में खूब होती थी। एडवांस ऑर्डर भी आते थे। लेकिन इस बार का यह दूसरा सावन है, जब फूलों की बिक्री बहुत ही कम है। कोरोना के कारण फूलों का व्यापार भी काफी प्रभावित हुआ है।
-डूंगर प्रसाद, पुष्प विक्रेता बाड़मेर
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