ऐसे में यहां के बाशिंदों को एक बार सुविधा मिलने के बाद फिर वहीं हाल हो गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र से बीएसएफ के कई जवानों तथा ग्रामीणों के लिए यह सेवा काफी फायदेमंद थी, लेकिन इसका लम्बा संचालन नहीं हो पाया। अब 4 साल पूरे होने पर ग्रामीणों ने एक बार फिर केंद्र सरकार को ज्ञापन भेज इस रेल को फिर से शुरू करने की मांग रखी।
ग्रामीणों का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र के लिए प्रतिदिन सुबह 7:30 बजे साधारण रेल सेवा चल रही है। यह दोपहर में 12:30 बजे वापस बाड़मेर पहुंच जाती है। ऐसे में बाड़मेर से वापसी के लिए बसों का महंगा सफर करना मजबूरी हो जाता है। सेना व बीएसएफ के जवानों के लिए शाम को राशन सामग्री, सब्जी, दूध, फल व अन्य सामान लाने के लिए दूसरे फेरे का होना जरूरी है। इसके अलावा क्षेत्र के कई हैण्डीक्राफ्ट मजदूरी पर जाने वाले मजदूरों के लिए भी यह रेल काफी राहत भरा साधन है।
ऐसे में यहां के बाशिंदों को एक बार सुविधा मिलने के बाद फिर वहीं हाल हो गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र से बीएसएफ के कई जवानों तथा ग्रामीणों के लिए यह सेवा काफी फायदेमंद थी, लेकिन इसका लम्बा संचालन नहीं हो पाया। अब 4 साल पूरे होने पर ग्रामीणों ने एक बार फिर केंद्र सरकार को ज्ञापन भेज इस रेल को फिर से शुरू करने की मांग रखी।
सेना व बीएसएफ के जवानों के लिए शाम को राशन सामग्री, सब्जी, दूध, फल व अन्य सामान लाने के लिए दूसरे फेरे का होना जरूरी है। इसके अलावा क्षेत्र के कई हैण्डीक्राफ्ट मजदूरी पर जाने वाले मजदूरों के लिए भी यह रेल काफी राहत भरा साधन है।